इन्दौर, दिनांक 17 अक्टुबर 2022। महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि यातायात में सुधार हेतु निगम द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है उसी क्रम में इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत निगम द्वारा शहर के 50 प्रमुख चौराहो पर यातायात संकेत प्रणाली में सुधार करने के लिये योजना बनाकर निविदा आमंत्रित की गई थी। उक्त के संबंध में आज आयुक्त प्रतिभा पाल द्वारा स्मार्ट सिटी आफिस में बैठक ली गई, बैठक में स्मार्ट सिटी सीईओ ऋषभ गुप्ता एसीपी अनिल पाटीदार, डीसीपी संतोष उपाध्याय, सीडीओ विवेक गुप्ता, एआईसीटीसीएल से संदीप त्रिवेदी, सीएमएस कंपनी के प्रतिनिधि व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम अंतर्गत शहर के 50 चौराहो पर लगे यातायात संकेत को अन्य दुसरे चौराहो से जुडे रहेगे तथा टेफिक के हिसाब से यातायात संकेतक कार्य करेगे। जिसके अंतर्गत जिस रोड पर अधिक यातायात का दबाव रहने पर उस रोड के यातायात संकेतक द्वार स्वतः कार्य करते हुए, चौराहे पर यातायात के दबाव के आधार पर सिंग्नल कार्य करेगे।
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आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम में वाहनो को चौराहो पर कम समय के लिये रूकना होगा, जिससे की समय के साथ ही ईंधन की भी बचत होगी, निगम द्वारा वायु प्रदुषण सुधार के लिये जो कार्य किया जा रहा है उसमें भी सहायता प्राप्त होगी। इस प्रणाली से ओव्हर स्पीड की भी जानकारी मिलेगी। यह पुरा सिस्टम इंटीग्रेटेड कमांड कन्टोल सिस्टम (आईसीसीसी) से जुडा हुआ रहेगा और वही से इसकी मॉनिटरिंग की जावेगी। इस संबंध में आज कंपनी सीएमएस के प्रतिनिधि उपस्थित हुए थे, परियोजना की लागत 30 करोड होकर क्रियान्वन की अवधि 9 माह होगी, कंपनी सीएमएस को 1 नवम्बर 2022 से 31 जुलाई 2023 तक कार्य पूर्ण करना होगा, कंपनी वर्क स्कोप में जंक्शन की संख्या में आवश्यकता होने पर वृद्धि भी की जा सकती है तथा स्थान परिवर्तन भी किया जा सकेगा। सीएमएस कंपनी द्वारा यातायात सिंग्नलो की आगामी 5 वर्ष की अवधि तक रख-रखाव भी किया जावेगा।
आयुक्त द्वारा आगामी अप्रवासी भारतीय सम्मेलन को दृष्टिगत रखते हुए, उक्त मार्ग के जंक्शनो को चिहांकित कर उनका कार्य 31 दिसम्बर 2022 के पुर्व पूर्ण करने के भी निर्देश दिये गये, इसके साथ ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के महत्वपूर्ण कार्य होने से कंपनी सीएमएस को कार्य में सहयोग हेतु निगम अधिकारियो को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये, तथा कंपनी को समय सीमा अनुसार कार्य करने के भी निर्देश दिये गये।