रतन टाटा से लेकर गौतम अदाणी तक अपनी जवानी में कुछ ऐसे देखते थे भारत के टॉप 5 बिजनेसमैन

rohit_kanude
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मुकेश अंबानी, आनंद महिंद्रा से लेकर देश में कई मशहूर बिजनेसमैन है। जिनके पास कई अरबो-खरबों की संपति है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान भी माना जाता है। इन्होंने कई लोगो को नौकरी दी है जिसकी वजह से उनके घरों की व्यवस्था ठिक-ठाक चल रही है। वही युवा पिढ़ी की बात करे तो इनसे वह कुछ न कुछ सिख रहे है, ताकी अपने आप को और बेहतर बना सके। ऐसे में आइए जानते है की इनके कुछ अनदेखे फोटो जो पहले कैसे दिखाई देते थे।

गौतम अदाणी

एक भारतीय उद्यमी और स्वयं निर्मित अरबपति है जो अदानी समूह के अध्यक्ष हैं। अदानी समूह कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल एवं गैस खोज, बंदरगाहों, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन एवं पारेषण और गैस वितरण में फैले कारोबार को सम्भालने वाला विश्व स्तर का एकीकृत बुनियादी ढ़ाँचा है। उन्हें 33 वर्षों के व्यापार अनुभव के साथ, गौतम अदाणी प्रथम पीढ़ी के उद्यमी हैं। जो वर्तमान में भारत सहित एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन हैं। वें 12 अप्रैल 2022 को दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स बन गए थे।

आनंद महिंद्रा

महिंद्रा ग्रुप के प्रबन्ध निर्देशक एवं अध्यक्ष है। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। इतना ही नही उनके ट्विटर अकांउट पर लगभग 10 मिलियन फॉलोअर्स हैं। दरअसल, वह अक्सर मजेदार सेन्स ऑफ ह्यूमर के चलते काफी पसंद किये जाते हैं। 2021 में आनंद ने अपनी एक पुरानी फोटो शेयर की थी। जो तस्वीर उन्होंने शेयर की थी वह 17 साल की उम्र की है। उन्हें 26 जनवरी 2020 को इन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

मुकेश अंबानी

एक दुनिया के लोप्रिय बिजनेसमैन है जो रिलायंस इंडस्ट्री के अध्यक्ष है। उन्हें मार्च, 2022 तक एशिया के दूसरे सबसे अमीर और दुनिया के 10 वें सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं। उनकी संपत्ति का मूल्य (फोर्ब्स के अनुसार) 907 अरब अमेरिकी डॉलर है, जिससे वे भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनकी कंपनी रिलायंस जियो भारत की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी है। रिलायंस इंडस्ट्री की स्थापना उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने की थी। मुकेश की फोटो साल 2005 की बताई जा रही हैं।

कुमार मंगलम बिड़ला

भारत के टॉप बिजनेसमैन परिवारों में से एक चौथी पीढ़ी के कॉर्पोरेट लीडर कुमार मंगलम बिड़ला भारत के सबसे बड़े ग्लोबल ग्रुप में से एक आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष हैं। 1995 में उन्होंने आदित्य बिड़ला समूह को टेकओवर किया था और उस समय कंपनी का कारोबार 2 अरब डॉलर था। लेकिन आज उन्होंने अपनी मेहनत से कंपनी के कारोबार 40 अरब डॉलर तक पहुंचा दिया हैं।

रतन टाटा

भारत के पसंदीदा टाइकून रतन टाटा एक सफल बिजनेसमैन होने के साथ एक दिलदार इंसान भी हैं। 1971 में उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पनी लिमिटेड (नेल्को) का डाईरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया। एक कम्पनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के बजाय उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए जेआरडी नेल्को के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे। इसने पहले कभी नियमित रूप से लाभांश का भुगतान नहीं किया था। इसके अलावा, जब रतन ने कार्य भार सम्भाला, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स नेल्को की बाज़ार में हिस्सेदारी 2% थी और घाटा बिक्री का 40% था। फिर भी, जेआरडी ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया। बता दें, 1991 में जेआरडी टाटा के पद छोड़ने के बाद रतन टाटा ने टाटा संस की बागडोर संभाली। उनके कार्यकाल में कम्पनी ने कई उचाइयां भी हासिल की।