सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में पहुंचा विषधर सांप, जय नाग देवता के नारों के साथ बोले भक्त ‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यम’

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देश के सुप्रसिद्ध और अब अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रही कथा के दौरान गहरे काले रंग के नाग देवता के आने से सामान्य दहशत के साथ ही, एक प्रकार के धार्मिक उल्लास का माहौल भी निर्मित हो गया। दरअसल रायपुर में चल रही पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान पंडाल में बैठे कथा में मग्न श्रद्धालु भक्त जनों के बीच में एक मोटा, गहरे काले रंग का नाग भी पहुंच गया, जिसे देखकर श्रद्धालु भक्त पहले तो कुछ डरे, परन्तु बाद में इसे भगवान शिव के चमत्कार के रूप में देखकर ‘जय नाग देवता’ का जय घोष करने लगे।

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कार्यक्रम के एक दिन पहले भी आया था नजर

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रायपुर में चल रही पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के एक दिन पहले भी कुछ लोगो के द्वारा नाग को देखा गया था। गौरतलब है कि यह कथा रायपुर शहर के गुढ़ियारी इलाके के दही हांडी मैदान में चल रही है। कथा पांडाल में इस काले रंग के नाग को देखकर एक धार्मिक उल्लास का माहौल निर्मित हो गया। शुरुआत में डरे हुए भक्त जन भी कुछ देर बाद इसे भगवान शिव के आभूषण के रूप में देखने लगे। इस दौरान एक भक्त ने भावना के आवेश में आकर नाग की पूंछ को पकड़ने का प्रयास किया, जबकि कुछ महिलाएं और अन्य व्यक्ति भी नाग देवता को स्पर्श करने का प्रयास करने लगे।

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भगवान शिव का माना जाता है आभूषण

हमारे सत्य सनातन धर्म में मनुष्य सहित संसार के सभी जीवों को ईश्वर से जोड़ कर देखा गया है और साथ ही कई जीवों को हमारे धर्म में विशेष धार्मिक महत्व दिया गया है। नाग को हमारे धर्म में भगवान शिव का आभूषण माना जाता है, जिसे भगवान शिव अपने गले में एक हार की तरह सदैव ही धारण किए रहते हैं। भगवान शिव के आभूषण होने के कारण ही नाग देवता का महत्व विशेषकर माना जाता है और साथ ही श्रावण माह की पंचमी को ‘नाग पंचमी’ के रूप में हमारे धर्म में मनाया जाता है।