शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। वहीं शनि वर्तमान में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। धनु. मकर और कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती चल रही है तो वहीं मिथुन और तुला वाले शनि ढैय्या से प्रभावित हैं।
शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं जिसमें पहले चरण को उदय चरण के नाम से जाना जाता है। इस चरण में आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है। दूसरे चरण को शिखर चरण कहते हैं इसमें आर्थिक के साथ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। तीसरा चरण जिसे अस्त चरण कहते हैं इसमें कुछ राहत मिलने की संभावना रहती है। जानिए किस राशि पर चल रहा है शनि साढ़े साती का अस्त चरण।
इस राशि वालों पर चल रहा है है शनि साढ़े साती का अस्त चरण:
धनु वालों पर शनि साढ़े साती का अस्त चरण या अंतिम चरण चल रहा है। शनि के राशि बदलते ही सबसे पहले धनु जातकों को ही शनि साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी। शनि साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुजरने के बाद इस चरण में व्यक्ति को कुछ राहत मिलती है। लेकिन आर्थिक मामलों को लेकर थोड़ा सावधानी बरतनी होगी। आपके खर्चों में बढ़ोतरी होगी। लेकिन वेतन में वृद्धि होने से कुछ राहत मिलेगी। आपको व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी।
अस्त चरण से कब मिलेगी मुक्ति
धनु वालों को 29 अप्रैल 2022 में शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन 12 जुलाई 2022 से 17 जनवरी 2023 तक धनु जातक फिर से शनि साढ़े साती की चपेट में आ जायेंगे। क्योंकि इस अवधि में शनि वक्री चाल में फिर से मकर राशि में गोचर करने लगेंगे। यानी धनु वालों को शनि साढ़े साती से पूर्ण रूप से मुक्ति 2023 में ही मिलेगी।
अस्त चरण में इन बातों का रखें ध्यान:
इस दौरान वाद-विवाद से दूर रहें। गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतें। मांसाहार और मदिरापान से दूर रहें। गलत कार्यों से दूर रहें। किसी का भी दिल न दुखाएं। गलत संगति से बचें। बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें। कार्यक्षेत्र में कोई भी काम बड़ी ही सावधानी से करें। किसी को अपमानित न करें।