शिमला: हिमाचल प्रदेश वैसे है पहाड़ी क्षेत्रो की सुंदरता के कारण प्रसिद्ध है। दूसरा यह टूरिस्टो के लिए नेशनल पार्क एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इसी कड़ी में 11 जनवरी, 2021 को नई दिल्ली में भारत में राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के प्रबन्धन प्रभावशाली मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की गई थी जिसमे हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित हिमालयन नेशनल पार्क और तीर्थन वन्यजीव अभयारण्य को पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधित संरक्षित क्षेत्र के रूप में स्थान दिया गया है। सैंज वन्यजीव अभ्यारण को भी शीर्ष में पांचवा स्थान मिला है। हिमाचल के वन मंत्री ने कहा है की यह हमारे लिए बड़े ही हर्ष का विषय है कि ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और तीर्थन वन्यजीव अभयारण्य को पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधित संरक्षित क्षेत्र के रूप में स्थान दिया।
हिमाचल प्रदेश के वन मंत्री ने कहा है कि यह बहुत संतोष तथा गर्व की बात है कि देश के पांच सबसे अच्छे प्रबंधित संरक्षित क्षेत्रों में से तीन हमारे हिमाचल प्रदेश से संबंधित हैं, जो यह दर्शाता है की यहां के वनो और वन्य जीवों के संरक्षण में राज्य की सरकार किस तरह अपने काम की और प्रतिबद्ध है और बेहतर करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
फ्रंट लाइन वर्कर्स को भी दी बधाई
हिमाचल प्रदेश के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वन्य जीव प्रभाव और पार्क प्रबंधकों तथा फ्रंटलाईन कर्मचारियों को बधाई देते हुए। उन्हें भविष्य में भी कड़ी मेहनत करने और प्रबंधन के उच्च मानकों को बनाए रखने तथा प्रबंधन रणनीतियों व कार्यों को अनुकूलित करने का आग्रह किया।
हिमाचल के अन्य 13 इलाके भी है शामिल
बता दे की संरक्षित क्षेत्रों के प्रबन्धन का यह प्रभावशाली मूल्यांकन कई मापदंडों के आधार पर किया जाता है, जिसमे यह सुनिश्चित किया जाट है कि राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जिव अभ्यारण का प्रबंधन किस प्रकार किया जा रह है। राष्ट्रीय स्तर पर 146 राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्यों जिनमें से अकेले हिमाचल प्रदेश के 13 संरक्षित क्षेत्र शामिल थे। विभिन्न मापदंडों का मूल्यांकन के बाद राष्ट्रीय औसत 62 प्रतिशत की तुलना में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और तीर्थन वन्यजीव अभयारण्य ने 82.17 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, जबकि सैंज वन्य जीव अभयारण्य ने 82.5 प्रतिशत अंक प्राप्त किये। साथ ही उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पांच राष्ट्रीय उद्यान, 28 वन्यजीव अभयारण और तीन संरक्षण आरक्षित क्षेत्र हैं, जिससे प्रदेश का 8391.42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर होता है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 15 प्रतिशत है।