आपके सपनो के आशियाने जुड़े है हाथो की लकीरो से, जाने क्या है इसके संकेत

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हस्त रेखा विज्ञान: मकान छोटा हो या बड़ा हर व्यक्ति के लिए हमेशा एक सपना होता है की वो अपने परिवार के साथ अपने सपनो के मकान में रहे। चाहे वो व्यक्ति मैर हो या गरीब अपना घर होना सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योकि अपने घर की खासियत होती है वहा आप निश्चिंत होकर अपने परिवार के साथ जीवन व्यतीत करते है। कई घर तो ऐसे होते है जिनमे परिवार की कई पीढ़िया गुजर जाती है लेकिन लोग उसे नहीं कभी नहीं बदलते है। मकान अपना ही हो तो आपको किसी बात की चिंता नहीं होती है न ही हर महीने माकन के किराये देने की झंझट होती है। बता दे की सभी की किसमत में मकान के योग होते है या नहीं इसकी जानकारी हस्त रेखा विज्ञान की मदद से पता चल जाता है।

हस्तरेखा विज्ञान की वजह से आप जान सकते है कि आपकी किस्मत में अपना खुद का मकान है या जो आपके सपनो का मकान है वो कब पूरा होगा। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के हाथ की रेखाओं से पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति का अपना घर यानी सपनों का मकान बनेगा या नहीं। इतना ही नहीं अगर आपकी किस्मत में अपना मकान है तो यह स्थिति कब बनेगी इसकी सारी जानकरी हाथ की रेखाओ से ज्ञात की जा सकती है।

आएये जाने क्या है हस्तरेखा के अनुसार आपके माकन का योग

1.सबसे पहले बता दे कि भूमि का ग्रह होता है मंगल होता है और हस्तरेखा में मंगल के क्षेत्र से भूमि और भवन का पता चलता है। यदि मंगल का क्षेत्र ऊंचा है तो बड़े घर की प्राप्ति होती है। मंगल और शुक्र पर्वत का क्षेत्र बड़ा होना भवन प्राप्ति का एक बहुत बढ़िया संकेत होता है।

2.यदि महिला द्वारा मकान बनाया जाना हो तो मंगल और शुक्र का क्षेत्र या पर्वत मज़बूत हो तो भी व्यक्ति अपने ही पराक्रम और महिला द्वारा अपना ख़ुद का घर बनाता है।

3.अपनी मेहनत से घर बनाना हो तो मंगल और शुक्र के क्षेत्र या पर्वत के ऊपर किसी रेखा के होने से व्यक्ति को अपनी मेहनत द्वारा निर्मित सुख सुविधाओं से युक्त भवन की प्राप्ति होती है।

4.अपना बंगला या महलनुमा भवन होता है, जिसमें ख़ूबसूरत बगीचा या जलाशय भी होता है। इसके लिए मंगल और शुक्र का क्षेत्र या पर्वत से कोई रेखा भाग्य रेखा तक जाए तो ऐसे व्यक्ति के पास मकान हो सकता है।

5.साज सज्जा से युक्त एवं आकर्षण से युक्त मकान चाहते हो तो मंगल और शुक्र का क्षेत्रीय पर्वत और चंद्रमा और शनि का क्षेत्र या पर्वत विकसित हो तो ऐसे व्यक्ति का भवन दूसरों से अलग होता है।