जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (Jaipur Literature Festival) का 15वां संस्करण 5 मार्च को शुरु हो चुका है, जो 14 मार्च तक महफिल की रौनक बढ़ाएगा। साहित्य के महाकुम्भ की धमाकेदार शुरुआत वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर हुई। हाईब्रिड अवतार (ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों) में हो रहे, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2022 में समकालीन जगत के कई लोकप्रिय कवि भाग ले रहे हैं। इसके साथ ही 10 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में इस बार खासकर पर्यावरण पर आधारित कई सत्र देखने को मिलेंगे, जिसमें जलवायु संकट में मानव की भूमिका पर चर्चा प्रमुख विषय है।
फेस्टिवल में ऐसे कई सत्रों का आयोजन होगा, जिनमें काव्य के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी, क्योंकि कला, संस्कृति और साहित्य का अभिन्न भाग कविता या काव्य ही है, और विस्तृत सन्दर्भ में देखें तो काव्य किसी सभ्यता की विरासत को दर्शाता है। इससे संबंधित विगत सत्रों की विस्तृत जानकारी देते हुए जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने स्वदेसी मंच, कू के अपने आधिकारिक हैंडल से एक के बाद एक कई पोस्ट्स किए हैं, जिनमें से पहले में कहा गया है:
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पुष्पेश पंत और अदिति माहेश्वरी-गोयल के साथ प्रेमचंद एंड संस हरीश त्रिवेदी की बातचीत-एबीपी लाइव द्वारा प्रस्तुत
वहीं एक अन्य पोस्ट के माध्यम से जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने कू करते हुए कहा है: एक उपन्यास का जन्म। लिंडसे परेरा, रिजुला दास, शब्बीर अहमद मीर और दरिभा लिंडम के साथ करुणा एजारा पारिख, साहित्य श्रृंखला के लिए जेसीबी पुरस्कार के साथ बातचीत
सत्र से अवगत कराते हुए जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने कहा: जयपुर- द ब्लाइंड मैट्रिआर्क एंड द रिटर्न टू द मदर टंग नमिता गोखले, पुष्पेश पंत और प्रभात रंजन के साथ मॉर्निंग स्टैंडर्ड द्वारा प्रस्तुत रक्षंदा जलील की बातचीत
एक अन्य सत्र की जानकारी देते हुए जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने कू करते हुए कहा है: शब्दों की विरासत। निरुपमा दत्त के साथ नवदीप सूरी और नवतेज सरना की बातचीत
प्रतिष्ठित जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने इस वर्ष फिर से वापसी करके गुलाबी नगरी को और भी अधिक गुलाबी कर दिया है। खास बात यह है कि इस बार यह अपने हाईब्रिड अवतार में आया है। यानि फेस्टिवल ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों ही रूपों में श्रोताओं के लिए मौजूद रहेगा। हाईब्रिड अवतार में यह ज्यादा से ज्यादा श्रोताओं और साहित्यप्रेमियों तक पहुँच बना पाएगा, जहाँ देश या द्वीप की कोई सीमा नहीं होगी। साहित्य, विचारों और सोहार्द्र की ऐसी प्रभावशाली प्रस्तुति अब तक देखने को नहीं मिली होगी।
विगत 15 वर्षों से जयपुर शहर में अपनी भव्य उपस्थिति दर्ज कराने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से पर्यटन और रोजगार के अवसरों में विशेष बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2022-23 में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा की है। यह घोषणा पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। जेएलएफ के आयोजन से प्रदेश में प्रत्यक्ष तौर पर होटल इण्डस्ट्री, परिवहन, एयरलाइंस जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से कपड़े, ज्वेलरी, हस्तशिल्प, रेस्तरां व अन्य व्यवसायों में भी खासी बढ़ोतरी लक्षित होगी।