Tirupati Balaji Temple: ट्रांसफर लो या रिटायरमेंट, तिरुपति मंदिर ट्रस्ट TTD का गैर-हिंदू कर्मचारियों को आदेश, एक्ट में किया बदलाव

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By Srashti BisenPublished On: November 19, 2024
Tirupati Balaji Temple

Tirupati Balaji Temple : टीटीडी का विवादास्पद प्रस्ताव आंध्र प्रदेश में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया, जिसमें बोर्ड के अंतर्गत काम करने वाले गैर-हिंदू कर्मचारियों को स्वेच्छा से रिटायरमेंट लेने या आंध्र प्रदेश सरकार के अन्य विभागों में ट्रांसफर का विकल्प दिया गया है। टीटीडी, जो तिरुपति स्थित विश्व प्रसिद्ध तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करता है, यह दुनिया का सबसे धनी हिंदू मंदिर माना जाता है। इस प्रस्ताव पर बोर्ड के अध्यक्ष बीआर नायडू ने जानकारी दी, हालांकि उन्होंने यह बताने से इंकार किया कि कितने गैर-हिंदू कर्मचारी इस फैसले से प्रभावित होंगे।

कर्मचारियों पर प्रभाव सूत्रों के अनुसार, इस फैसले से टीटीडी के लगभग 7,000 स्थायी कर्मचारियों में से 300 प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा, टीटीडी में लगभग 14,000 कांट्रैक्ट कर्मचारी भी काम कर रहे हैं, जिनमें से कुछ को इस निर्णय का सामना करना पड़ सकता है। अध्यक्ष बीआर नायडू ने यह भी बताया कि इस फैसले को कई कर्मचारी यूनियनों का समर्थन प्राप्त है। उनका कहना है कि मंदिर के संचालन और व्यवस्थापन में केवल हिंदू कर्मचारियों को ही भूमिका निभानी चाहिए।

TTD एक्ट में किया बदलाव

टीटीडी के प्रबंधन में होने वाले इस बदलाव का आधार टीटीडी अधिनियम में हुए हालिया संशोधनों पर है। पिछले कुछ वर्षों में, इस अधिनियम में तीन बार संशोधन किया गया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि मंदिर बोर्ड और इससे जुड़े संस्थानों में केवल हिंदू कर्मचारियों को ही नियुक्त किया जा सकता है। 1989 में जारी एक सरकारी आदेश में भी यह प्रावधान किया गया था कि टीटीडी के पदों पर नियुक्तियां सिर्फ हिंदुओं के लिए ही सीमित रहेंगी। हालांकि, इसके बावजूद कुछ गैर-हिंदू कर्मचारी संगठन में काम कर रहे थे, जिनसे अब यह प्रस्ताव संबंधित है।

लड्डू प्रसाद विवाद

हाल ही में लड्डू प्रसाद को लेकर भी टीटीडी में विवाद उत्पन्न हुआ था। यह प्रसाद, जो तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर में चढ़ाया जाता है, को लेकर तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि प्रसाद में घी के नमूने में पशु की चर्बी, सूअर की चर्बी और मछली के तेल की मौजूदगी पाई गई थी। इस मुद्दे को लेकर 9 जुलाई 2024 को प्रसाद के नमूने लिए गए थे और 16 जुलाई को रिपोर्ट जारी की गई।