दिल्ली जल संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को शुक्रवार को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया है, ताकि दिल्ली को पानी की कमी से निपटने में मदद मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए राजी हो गई है। कोर्ट ने हरियाणा सरकार को वजीराबाद बैराज के जरिए पानी छोड़ने में मदद करने का निर्देश दिया।
‘सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पानी की बर्बादी न करने की चेतावनी दी’
कोर्ट ने हिमाचल सरकार से हरियाणा को पहले ही पानी छोड़ने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी पानी की बर्बादी न करने की चेतावनी दी। पिछले हफ्ते दिल्ली सरकार ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों से अतिरिक्त पानी की आपूर्ति की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
‘पानी की बर्बादी पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान’
इस समय भीषण गर्मी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में पानी की भारी किल्लत है। आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने संकट के बीच पानी की बर्बादी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
सरकार ने पानी की बर्बादी करने वाले पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। साथ ही अधिकारियों को निर्माण स्थलों या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर किसी भी “अवैध जल कनेक्शन” को काटने का निर्देश दिया।
‘दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने कहा था…’
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने पिछले महीने कहा था कि गर्मी के कारण पानी की मांग बढ़ गई है क्योंकि यमुना नदी का जल स्तर कम हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल वजीराबाद तालाब का जल स्तर 674.5 फीट था, लेकिन बार-बार अनुरोध के बावजूद केवल 671 फीट पानी छोड़ा गया।