Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य अपने समय के सबसे बुद्धिमान और बलशाली व्यक्तियों में से एक माने जाते हैं। चाणक्य बेहद ज्यादा ज्ञानी, और ज्ञानता में महारथ प्राप्त और कुशल राजनीतिज्ञ एवं कूटनीतिज्ञ थे। उन्होंने अपनी पॉलिसीज में न सिर्फ व्यक्ति को कामयाबी प्राप्त करने के मूल मंत्र बताए हैं, अपितु मार्ग की बड़ी से बड़ी बाधा को भी दूर करने के सुझाव प्रस्तुत किए हैं। वहीं इनके जरिए समाज का हित और मंगल भी किया है। आज भी उनकी रणनीति पूरे विश्व में प्रख्यात है।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के बल पर एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को मधग का राजा बना दिया था। उन्होंने अपनी नीतिशास्त्र में व्यक्तिगत जीवन, जॉब, बिजनेस, रिलेशन, मित्रफ्रेंडशिप, कटुता, दुश्मनी आदि जीवन के कई पहलुओं पर अपने केंद्र बिंदु प्रकट किए हैं। चाणक्य नीति कहती है कि मनुष्य का जीवन अत्यंत बहुमूल्य है। इस लाइफ साइकल को अगर सफल और सिद्ध बनाना है, तो हर मनुष्य को कुछ चीजों का सदैव ध्यान रखना चाहिए। साथ ही आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के जीवन में कई सारे परिवर्तन किए हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार उनकी नीतियां आज के समय के लिए भी बेहद अनुपयोगी और कारगर सिद्ध होती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी पॉलिसी में वरिष्ठ, वृद्धों, बालको, विद्यार्थियों के लिए कोई न कोई राय दी है। जिस पर सोच विचार कर व्यक्ति अपने जीवन को सुखमय बनाता है। आज हम आपको चाणक्य की वे निजी बातें बताते हैं, जिनका आदर और सम्मान कर आप भी अपने घर को सुख-समृद्धि से भर लबालब कर सकते हैं।
चाणक्य ने अपनी पॉलिसी में स्त्रियों के कुछ ऐसे गुण के विषय में बात की हैं, जो जिसके होने पर मर्द उनकी तरफ खींचा चला जाता हैं। चाणक्य के मुताबिक मर्द कुछ ऐसे विशेष गुण वाली स्त्रियों पर दिल हार बैठता हैं कि उन्हें पाना, उनकी जिद्द के साथ उनका पागल पन बन जाता हैं।
यहां आचार्य चाणक्य ने महिलाओं के इस सद्गुणों की सराहना करते हुए साफ किया है कि इनके गुणों के समझ मर्द भी सरलता से विवश हो जात हैं। चलिए फिर जानते हैं चाणक्य नीति में बताए गए महिलाओं के उन सद्गुणों के बारे मे जहां से हमें लेनी चाहिए प्रेरणा।
साहस-हिम्मत
आज कल भले ही मर्दों के समक्ष स्त्रियों की हालत बेहद दुर्बल मनुष्य की हो लेकिन आचार्य चाणक्य का कहना है कि करेज और ताकत के विषय में महिलाएं मर्दों से हमेशा 10 कदम आगे रहती हैं। स्त्रियां हर चैलेंज का खुलकर सामना मुकाबला करती हैं।
इंटेलिजेंट और चतुर
यहां आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्रियां मर्दों से अधिक होशियार होती हैं। वे कोई भी निर्णय काफी सोच-विचार कर लेती हैं। वहीं, मर्द हमेशा जोश में अपना होश गंवा बैठता हैं। जल्दबाजी में निर्णय लेकर अपना ही नुकसान करा बैठते हैं। वक्त गुजरने के साथ-साथ स्त्रियों का ये गुण और ङी स्ट्रीज होता चला जाता है।
भावुकता और करुणा
आचार्य चाणक्य करुणा और भावुकता के केस में भी स्त्रियां मर्दों से बेहद आगे होती हैं। आचार्य चाणक्य के कुताबिक औरतों में प्रेम का भाव होता है। वह किसी को भी देखकर अचानक से इमोशनल हो जाती हैं, लेकिन इसे स्त्रियों की दुर्बलता समझने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए।