DRDO ने आज दिव्यास्त्र मिशन के तहत स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीआरडीओ को बधाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है.
2022 में भी किया गया था परीक्षण
आपको बता दें इससे पहलें 2022 में भी भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. तब इसने टारगेट को 5500 किलोमीटर दूर जाकर ध्वस्त कर दिया था. इस मिसाइल को डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाया है. मुद्दा ये नहीं है कि इसकी रेंज कितनी है, चीन और कई देशों को यह डर है कि इस मिसाइल की जद में उनका पूरा का पूरा क्षेत्रफल आ रहा है.
अग्नि-5 मिसाइल की क्या है खासियत?
बता दें अग्नि-5 मिसाइल का वजन 50 हजार किलोग्राम है. यह 17.5 मीटर लंबी है. इसका व्यास 2 मीटर यानी 6.7 फीट है. इसके ऊपर 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगा सकते हैं. इतना ही नही अग्नि-5 मिसाइल 29,401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है. इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, साथ ही दुश्मन का बचकर निकलना मुश्किल है.
मोबाइल लॉन्चर से साधा जा सकता है निशाना
अग्नि-5 मिसाइल को लॉन्च करने के लिए मोबाइल लॉन्चर का उपयोग करते हैं. इसे ट्रक पर लोड करके किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है. 50 हजार किलोग्राम वजन वाली अग्नि-5 मिसाइल को 200 ग्राम का कंट्रोल एंड गाइडेंस सिस्टम नियंत्रित करता है. यह इस मिसाइल पर ही लगा होता है. इसे सिस्टम ऑन चिप आधारित ऑन-बोर्ड कंप्यूटर कहते हैं.