इंदौर। चुनावी साल में मेट्रो का ट्रायल रन करवा कर शिवराज सरकार इस परियोजना का श्रेय अपने नाम करने में लगी है। जबकि शिवराज सरकार की अदूरदृष्टि के चलते इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत भी बड़ी और समय सीमा भी जबकि कमलनाथ की तत्कालीन सरकार में जब इस योजना का शिलान्यास हुआ था तब अगस्त 2023 का इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था। जनता के जनमत से बनी कमलनाथ की सरकार को खरीद फरोकत कर केंद्र में बैठी मोदी सरकार के सहयोग से लोकतंत्र का चीर हरण कर लूट से बनी शिवराज सरकार ने इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को तो लंबित किया ही वही इंदौर के विकास से जुड़ी कई योजनाओं को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ही कई घोषणाएं छलावा बनकर रह गई।
मेट्रो परियोजना में श्रेय लेने लगी शिवराज सरकार पर आयोजित पत्रकार वार्ता में जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव,प्रदेश प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी एवं संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया ने करारा हमला बोलते हुए कहा की मध्यप्रदेश में इस समय शिवराज की टेलीविजन की सरकार चल रही है जिसके पास विजन नही है दूरदृष्टि के अभाव में मेट्रो परियोजना जो आने वाले समय में इंदौर और आस पास के जिलों के लिए लाइफ लाइन बने जा रही है उसे भी शिवराज सरकार अपने चुनावी फायदे के लिए अव्यवस्था की भेंट चढ़ा दिया है। प्रचार तंत्र के सहारे सत्ता वापसी का जरिया तलाश रही शिवराज सरकार यह भी भूल गई की मेट्रो इस शहर के विकास बढ़ते प्रदूषण को कम करने और आर्थिक विस्तार में कितनी अहम भूमिका रखती है। शिवराज सरकार मेट्रो जो आने वाले समय में इंदौर के विकास में नए आयाम लिखेगी उसको लेकर कितनी गंभीर है की उनकी तमाम घोषणाएं सिर्फ घोषणाएं ही बनकर रह गई है।
कांग्रेस नेताओ ने घोषणावीर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणाओं को जारी करते हुए सवाल पूछा की पिछले 3 वर्षो पर इस पर अमल क्यों नही हुआ..?
शिवराज सरकार की घोषणाएं जो अभी तक पूरी नहीं हुई…
02/09/2022
लव कुश चौराहे (इंदौर उज्जैन) रोड पर इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा वर्तमान में निर्माण अधीन फ्लाई ओवर/ मेट्रो रेल के ऊपर से डबल डेकर फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण कराया जायेगा..??
इंदौर से सांवेर-उज्जैन के बीच मेट्रो रेल प्रोजेक्ट बनाया जाएगा..?
इंदौर से उज्जैन महाकाल लोक तक मेट्रो रेल का सर्वे करवाया जाएगा..?
खंडवा रोड पर मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए सर्वे कराया जाएगा..?
इंदौर पीथमपुर मेट्रो रेल का सर्वे कराया जाएगा जिसमें आसपास के जिलों को भी जोड़ा जाएगा..?
इंदौर उज्जैन सांवेर के बीच मेट्रो रेल/ लाइट मेट्रो रेल की सुविधा हेतु सर्वे कराया जाएगा..?
इनमे से आज तक एक भी घोषणा पर अमल नहीं हुआ इससे आप समझ सकते है की मुख्यमंत्री अपने सपनों के शहर को लेकर कितने गंभीर है। जबकि कमलनाथ ने 14 Sep 2019 कों इंदौर में 7,500 करोड़ रुपये की मेट्रो रेल परियोजना को देते योजना का शिलान्यास था। बड़े शहर में मेट्रो रेल परियोजना के तहत कुल 31.55 किलोमीटर लम्बा रिंग कॉरिडोर बनाया जाना प्रस्तावित था। मेट्रो रेल गलियारा नैनोद, भंवरासला चौराहा, रेडिसन चौराहा और बंगाली चौराहा से होते हुए गुजरेगा साथ ही इस मार्ग पर 29 स्टेशन बनाये जाना प्रस्तावित था।
मेट्रो भूमिपूजन कार्यक्रम में कमलनाथ ने शहर के एमआर-10 रोड पर टोल नाके के पास इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के निर्माण कार्य की औपचारिक शुरूआत की थी। कार्यक्रम में सूबे के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह, लोकनिर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, के साथ विधायकगण एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। जिसमे मेट्रो रेल अगस्त 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था।
यह तो कमलनाथ थे जो मेट्रो का भूमि पूजन अपनी सरकार के दौरान कर गए थे नहीं तो इंदौर की जनता को 2008 से जब-जब चुनाव आ रहे थे मेट्रो का स्वप्न दिखाने का कार्य भाजपा सरकार द्वारा किया जा रहा था l
शिवराज सरकार द्वारा 9 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह दावा किया था कि जापान की इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (JICA) मैं 12000 करोड़ का लोन 0.3% पर इंदौर भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृत कर दिया है l
2 साल अंधेरे में रखने के बाद 7 मार्च 2017 को तत्कालीन शहरी विकास मंत्री माया सिंह ने बताया JICA इंदौर भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट को फंड करने को तैयार नहीं है l फिर मेट्रो प्रोजेक्ट को गड्ढे में डाल दिया गया l अगर उस समय में ही यह प्रोजेक्ट जापान की कंपनी को दे दिया होता तो अब इंदौर में मेट्रो धरातल पर दौड़ रही होती। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा की 50% कमीशन की डील सेट नही होने की वजह से ही पूरा प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ था।
जबकि 2018 में मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और घोषणा वीर की जगह वचनबद्ध कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने l तब जाकर सितंबर 2019 में इंदौर मेट्रो परियोजना का भूमि पूजन संभव हुआ l
अगर तत्कालीन कमलनाथ की सरकार को गिराया नहीं जाता तो इंदौर की जनता का मेट्रो में सफर करने का सपना अभी तक सकार हो चुका होता l क्योंकि कमलनाथ की सरकार विजन के साथ दूरदृष्टि की सरकार थी ना कि टेलीविजन की सरकार l
शिवराज सिंह के अदूरदृष्टि के अभाव के कारण कहीं इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट का हाल नागपुर और पुणे मेट्रो प्रोजेक्ट जैसा ना हो जाए l जो अभी तक बड़े घाटे में चल रही है और महाराष्ट्र सरकार की गले की फांस बन गई है। कांग्रेस सरकार ने अंदेशा जताते हुएं कहा है की चुनाव के मद्देनजर कहीं इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट एक मजाक बनाकर ना रह जाए…जिस तरह इंदौर से भोपाल शुरू की वंदे भारत का हल है।