मध्यप्रदेश में मज़बूरी या जरूरी है शिवराज सिंह चौहान

Ayushi
Updated on:

राजेश राठौर

पांव-पांव वाले शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के बारे में 5 साल से कहा जा रहा है कि अब हटे लेकिन शिवराज ने इस बात को झुठला दिया। वो अंगद के पैर की तरह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जम गए। हर बार कोई न कोई मुद्दा लेकर उनके विरोधी उनको हटाने की हलचल मचाते है। कभी विरोधी डिनर पर तो कभी चाय पर चर्चा करते है। सोशल मीडिया पर अधकचरी खबरे चलने लग जाती है। लेकिन शिवराज टस से मस नहीं होते। बाबूलाल गौर को हटाकर मुख्यमंत्री बने शिवराज के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि वो एक बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ जाएंगे तो हटने का नाम नहीं लेंगे।

शिवराज दिन भर कुछ करे न करे लेकिन…

शिवराज के बारे में वैसे तो कई दिनों से काफी कुछ लिखा जा रहा है लेकिन हमारे राजनैतिक विशेषज्ञ जो बात बता रहे है वो चौंकाने वाली है। दरअसल, मध्यप्रदेश में शिवराज ने अपनी सादगी पूर्ण मामा वाली छबि जो बनाई है, वही उनके लिए वरदान साबित हो रही है। शिवराज दिन भर कुछ करे न करे लेकिन किसी गांव की यात्रा करने से नहीं चूकते है। जहां जाते है वहां की बात करते है और लोगो से ज्यादा से ज्यादा मिलने की कोशिश करते है। इवेंट याने सरकारी आयोजनों को करने का रिकॉर्ड तोड़ चुके शिवराज को भीड़ से काफी लगाव है। ये बात अलग है कि भीड़ जुटाने का इंतजाम सांसद विधायक नहीं बल्कि कलेक्टर करते है। शिवराज के लिए जहां भीड़ जुटती है वहां खाने का इंतजाम भी रहता है।

Koo App

सरकारी योजनाओं के प्रचार –

सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए हाई टेक इंतजाम होते है। उसके अलावा अखबारों के पन्नों पर सरकारी विज्ञापन से लेकर सोशल मीडिया हर बात शिवराज की छाई रहती है। किसी का फायदा हो न हो लेकिन उनका व्यवहार आम आदमी को अच्छा लगता है। शिवराज विरोधियों के खिलाफ मौन रहते है भले ही बाद में वार कर देते है लेकिन मौके पर कुछ नहीं बोलते है। भाजपा हाई कमान को इससे अच्छा मुख्यमंत्री कहा मिलेगा जो हमेशा नतमस्तक होने के लिए तैयार रहता है। शिवराज मौका मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह को फॉलो करने में कोई कसर नहीं छोड़ते है। अब तो शिवराज इस बात का इंतजार करते है कि नरेंद्र मोदी कोई घोषणा करें और उसको तत्काल मध्यप्रदेश सरकार कैसे अमल में लाए।

Must Read : फिल्म ‘धाकड़’ की रिलीज डेट आई सामने, Kangana Ranaut ने फैंस को दी खुशखबरी

हालत ये हो गई है कि जैसे ही नरेंद्र मोदी कोई घोषणा करते है तो मुख्यमंत्री सचिवालय उस योजना को लागु करने पर तत्काल लग जाता है। जब तक शिवराज का सन्देश अफसरों तक पहुँचता है तब तक अफसर नोटशीट तैयार कर चुके होते है। ऐसी कोई कैबिनेट की बैठक नहीं होती जिसमे शिवराज केंद्र सरकार की कोई योजना के बारे में बात नहीं करते हो। केंद्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा करने में भी देर नहीं करते है। मध्यप्रदेश के हिस्से का केंद्र सरकार से मिलने वाले पैसे को लेकर शिवराज तत्काल दिल्ली पहुँच जाते है। केंद्र सरकार का शायद ही ऐसा कोई विवाद होगा जिसको शिवराज मध्यप्रदेश में जमीन देने के लिए तैयार न हो।

शिवराज खाली चैक की तरह…

शिवराज खाली चैक की तरह केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट के लिए चाहे जितनी जमीन देने का भी रिकॉर्ड बना चुके है। मौका लगते ही शिवराज दिल्ली जाते है और 2- 4 मंत्रियों से मध्यप्रदेश के विकास के बहाने मिलकर जरूर आते है। शिवराज बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मध्यप्रदेश आने का न्योता देने में कोई कंजूसी नहीं करते है। केंद्र के मंत्रियो को तो आए दिन न केवल मध्यप्रदेश बुलाते है बल्कि मुख्यमंत्री निवास में भोजन कराने में भी देर नहीं करते है। जब शिवराज को अपनी सरकार का फीडबैक कही से मिलता है तो केबिनेट की बैठक से लेकर अफसरों की बैठक तक में किसी को डाटने में देरी नहीं करते है। मध्यप्रदेश के किसी भी जिले में कोई घटना होती है तो वे तत्काल ट्वीट करने में देरी नहीं करते है।

शिवराज किसी भी सरकारी आयोजनों में विधायक और सांसदों की तारीफ करने में नया रिकॉर्ड बना चुके है। पार्टी के नेताओं के यहां सुख हो या दुख समय मिलने पर शामिल होने में भी देर नहीं करते है। शिवराज के नेत्तृत्व में अगला विधानसभा चुनाव होगा या नहीं उसको लेकर तमाम राजनीतिक कवायद चलती रहती है। लेकिन शिवराज उसकी भी परवाह नहीं करते है। शिवराज के भाषण देने की कला से भी आम जनता इतनी खुश होते है कि ठहाके लगाने से लेकर तालियां बजाने के दृश्य आए दिन देखने को मिलते है।

शिवराज पर विपक्ष वार करता रहता है लेकिन वो कभी कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की परवाह भी नहीं करते है। ज्योतिरादित्य सिंधियां की मेहरबानी से मध्यप्रदेश में बनी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौका लगते ही सिंधियां से भी कदम ताल करने से देर नहीं करते है। कहते है ना किसी का काम हो या न हो प्यार के दो शब्द किसी से बोल दो तो सामने वाला खुश हो जाता है। बस शिवराज के बारे में लिखा तो बहुत जा सकता है अभी इतना ही काफी है क्योंकि खबर पढ़कर शिवराज के विरोधी और विपक्ष के नेता चापलूसी के आरोप न मार दे।