शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, राजवाड़ा पर नहीं बनेगा अहिल्यालोक, CM ने इस प्रोजेक्ट को महेश्वर किया शिफ्ट

Suruchi
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विपिन नीमा

इंदौर। शहर के सबसे व्यस्त राजवाड़ा पर बनने वाले अहिल्यालोक को राज्य सरकार ने स्थान परिवर्तन करते हुए महेश्वर में शिफ्ट कर दिया है। शहर में अब केवल इंदौर की देवी अहिल्याबाई का स्मारक ही बनेगा और इसके लिए पुराने आरटीओ कार्यालय की 3 एकड़ जमीन नगर निगम को मिल चुकी है। पिछले दिनों हुई महापौर परिषद की बैठक में निर्णय लिया था की राजवाड़ा के सामने महाकाललोक की तर्ज पर अहिल्यालोक बनाया जाएंगा। बाद में निगम ने चुनावी सीजन को देखते हुए इस प्रोजेक्ट को होल्ड पर रख दिया था,लेकिन रविवार को भोपाल में एक कार्यक्रम में CM ने स्पष्ट कर दिया है की अहिल्यालोक इंदौर की बजाय महेश्वर में बनेगा। आज की स्थिति में राजवाड़ा क्षेत्र का पूरा कल्चर ही बदल गया है। यह क्षेत्र इतना व्यस्त हो चुका है की यहां पर जनता से जुड़ा कोई भी प्रोजेक्ट नहीं लाया जा सकता है।

CM बोले अहिल्या लोक का निर्माण महेश्वर में होगा

इंदौर की देवी अहिल्या बाई के सम्मान मे नगर निगम ने राजवाड़ा उद्यान और उसके आसपास अहिल्यालोक बनाने की प्लानिंग शुरु कर दी थी। निगम की इस प्लानिंग में राजवाड़ा को दोनों तरफ से बंद करना शामिल था। इसको लेकर राजवाड़ा क्षेत्र के व्यापारियोें ने इसका विरोध भी शुरु कर दिया था। .व्यापारियों के विरोध को देखते हुऐ महापौर परिषद बैठक ने फैसला लेकर इस प्रोजेक्ट को होल्ड पर रख दिया था। इसी बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला लेकर अहिल्यालोक प्रोजेक्ट को महेश्वर शिफ्ट कर दिया। जनसंपर्क विभाग इंदौर से जारी सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक रविवार को सीएम हाउस में आयोजित एक समारोह में CM शिवराजसिंह ने कहा की अहिल्यादेवी स्मारक का इंदौर में तथा अहिल्या लोक का निर्माण महेश्वर में होगा। इसके साथ प्रदेश में अहिल्या बोर्ड भी बनेगा।

अगर राजबाड़ा पर अहिल्यालोक बनता तो कितनी परेशानी होती

अहिल्या लोक का प्रोजेक्ट बहुत अच्छा है, लेकिन जो स्थान ( राजबाड़ा ) चुना था वह उचित नहीं था, क्योंकि
आज की स्थिति में राजबाडा इतना व्यस्त हो चुका है कि अब यहां पर जनता से जुड़ा कोई भी प्रोजेक्ट लाना आसान नहीं रह गया है। अगर अहिल्यालोक का निर्माण राजबाडा पर होता तो ट्रैफिक व्यवस्था का क्या हाल होता, जनता की परेशानी कितनी बढ़ जाती है । ऐसे कई सवाल खड़े होते। शहर के लिहाज से यह फैसला स्वागत योग्य हे।

आज की स्थिति में ऐसा है शहर का सबसे व्यस्त राजबाडा

▪️ राजवाड़ा शहर का सबसे व्यस्त मार्ग है।
▪️राजवाड़ा पर सात रास्ते आकर मिलते है।
▪️ लगभग तीन से चार लाख लोगों की आवाजाही प्रतिदिन बनी रहती है।
▪️ लगभग डेढ़ से दो लाख वाहनों की आते जाते है।
▪️ भविष्य में मेट्रो स्टेशन भी यहां बनना प्रस्तावित है।
▪️ राजवाड़ा से प्रतिदिन 30 सिटी बसें शहर के विभिन्न रुटों पर आती है और जाती है।
▪️ सुबह से लेकर रात तक यहां से 50 हजार से भी ज्यादा लोग सिटी बसों का सफर करते है।
▪️ जगह के अभाव में तथा भीड़ वाला क्षेत्र की वजह से राजवाड़ा पर आज तक बस स्टैंड नहीं बन पाया।
▪️ आज भी सिटी बसों में सफर करने वाले यात्री डेढ़ सौ साल पुराने पेड़ के आसपास ही बसों का इंतजार करते है।
▪️ शहर के धरोहर वाले बाजार भी राजवाड़ा से जुड़े है।
▪️ गोपाल मंदिर, इमली बाजार, बर्तन बाजार, पिपलीबाजार, बड़ा सरफा , छोटा सराफा , सांठा बाजार, कपड़ा मार्केट , सीतलामाता बाजार, गोराकुंड, खजूरी बाजार, ये सारे बाजार शहर के धरोहर वाले बाजार है और 100 – 100 साल पुराने है।
▪️ इन बाजारों में मिलाकर प्रतिनिद करोड़ों रुपयों का कारोबार होता है।
▪️ जब भी राजवाड़ा को किसी आयोजन के लिए दोनों तरफ से बंद कर दिया जाता है तब टैफिक व्यवस्था, बसों का संचालन , आटो रिक्शा , इ- रिक्शा, ये सब प्रभावित होते है।
▪️ त्यौहारों के दौरान राजवाड़ा की शान रहती है,
▪️ अगर अहिल्यालोक बन जाता तो अनंत चतुदर्शी की झांकियां, रंगपंचमी की रंगारंग गैरे, मोहरम का जुलुस , गोगानवमी का जुलूस, राधाअष्टमी का जुलूस , अहिल्याबाई की पालकी समेत ऐसे धार्मिक आयोजन का क्या होता।
▪️ ऐसे कई मुद्दे है जो राजवाड़ा के बगैर अधूरे है।

पहले भी राजबाड़ा का रास्ता दोनों तरफ से बंद कर दिया था

कुछ साल पहले जब डॉ उमशशी शर्मा मेयर ओर शंकर लालवानी जनकार्य विभाग के प्रभारी थे । तब बिना सोचे समझे निगम ने राजबाड़ा के मुख्य गेट के सामने वाला रोड दोनो तरफ से बंद कर दिया था, जिससे पूरा शहर परेशान हो गया था हर कोई निगम और परिषद को कोस रहा था। आखिरकार लाखो रु बर्बाद करने के बाद निगम को राजबाड़ा वाला रास्ता चालू करने पड़ा। राजबाड़ा का ट्रैफिक बंद होने से सारा लोड जवाहर मार्ग पर आ गया था। संयोग देखिये – राजबाड़ा का रास्ता बंद किया था तब लालवानी निगम में मुख्य भूमिका मे रहे हुए जनकार्य समिति के प्रभारी थे। अब राजवाड़ा उद्यान और उसके आसपास अहिल्यालोक बनाने के लिए फिर से राजवाड़ा क्षेत्र को बंद करने पर चर्चा चल रही है आज वे पूरे पॉवर के साथ सांसद है ।

अहिल्या स्मारक के लिए मिली तीन एकड़ जमीन

केसर बाग रोड़ स्थित पुराने आरटीओ कार्यालय रामपुरा कोठी परिसर में इंदौर की देवी अहिल्याबाई होल्कर का भव्य स्मारक बनाया जाएंगा। इसके लिए रामपुरा कोठी से लगी लालबाग की 3 एकड़ जमीन पुरातत्व विभाग से वापस लेकर देवी अहिल्याबाई होलकर ट्रस्ट को दी है । अहिल्या स्मारक के नाम से ट्रस्ट का गठन किया जा रहा है, जिसकी अध्यक्ष पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन होंगी । ट्रस्ट में अन्य सदस्यों के साथ शासन के प्रतिनिधि के रूप में संभाग आयुक्त और जिला कलेक्टर भी रहेंगे।