इंदौर। अपनी मेहनत और लगन के बूते शहर के शांतनु श्रीवास्तव ने गन सिस्टम से संबंधित एक एसा स्टार्टअप शुरू किया है जहां पर हमारे देश मैं ऐसी गन और इक्विपमेंट्स तैयार किए जाएंगे जो आमतौर पर ट्रांसफर ऑफ़ टेक्नोलॉजी के तहत बनाए जाते हैं वह बताते हैं कि गन सिस्टम डिजाइन में स्पेशलाइजेशन डिफेंस एकेडमी यूनाइटेड किंगडम से कंप्लीट करने के बाद लाखों के पैकेज पर डिफेंस सेक्टर में काम करने के लिए मुझे नाइजीरिया में जॉब ऑफर हुई थी। लेकिन मैंने यह तय किया कि मैं अपने नॉलेज को अपने देश तक लेकर जाऊंगा और वहां की आर्म्ड फोर्स के लिए अपनी सेवाएं दूंगा इसी को ध्यान में रखते हुए मैने 2021 में नोमेड डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की। जिसके तहत मैं अपनी टीम के साथ उन गन से भी बेहतर गन बनाऊंगा जो भारत में ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के तहत तैयार की जाती है।और आज हम अपने देश के साथ साथ दुनिया की अन्य कंट्री के लिए भी कई प्रकार के इक्विपमेंट तैयार कर रहे हैं।
सवाल. कैसे स्टार्टअप की शुरुआत हुई क्या इसमें लगने वाला लाइसेंस आपको मिल गया है?
जवाब. मैंने अपने आर्म्ड फोर्सेस से संबंधित हथियार में लगने वाले इक्विपमेंट और स्टार्टअप की बात अपने घरवालों और मामा जी से साझा की और उन्होंने इस स्टार्टअप में मेरा साथ दिया शुरुआत में मैं अपने कमरे में ही गन से संबंधित इक्विपमेंट डिजाइन करता था। वही गन में लगने वाले 4 कंपोनेंट के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है जिसमें रिसीवर, बैरल, फायरिंग पिन, और ब्रीच को तैयार करने के लिए भारत सरकार से लाइसेंस के लिए अप्लाई किया और हाल ही में हमें सरकार द्वारा अप्रूव कर दिया गया है। हमने धार मैं अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी तैयार की है। हमें गन से संबंधित देश और विदेश से कई प्रकार के टेंडर और प्रोजेक्ट भी मिल रहे हैं जल्द ही हम उनके लिए भी इक्विपमेंट्स तैयार करेंगे।
सवाल. किस तरह की गन आप तैयार करने वाले हैं उसकी क्या खूबी रहेगी?
जवाब. आर्मी के लिए हम कई प्रोजेक्ट पर कार्य करने वाले हैं। इसी के साथ हम अन्य प्रोजेक्ट पर भी कार्य कर रहे हैं जिसमें हम अब स्नाइपर राइफल बनाना शुरू करेंगे यह हाई रेंज की गन होती है जिसकी कैपेसिटी पंद्रह सो मीटर से 2 किलोमीटर तक होती है। यह गन सुपर स्प्रिजन के लिए होती है इसका और कहीं इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इस गन के लिए भारत में ज्यादातर कंपनियां ट्रांसफर ऑफ़ टेक्नोलॉजी की कोशिश कर रही है लेकिन हम इसे खुद तैयार करेंगे। इसी के साथ हम एक 12.7 एंडोमेट्रियल राइफल लाए हैं जो कि बीएसएफ के लिए बहुत ज्यादा यूज़फुल रहेगी। इस गन में ज्यादातर काइनेटिक एनर्जी होती है जो कि किसी भी गाड़ी के इंजन को रोकने में कारगर साबित होती है। यह ऐसी गाड़ियों को रोकने में सक्षम है जो ईलीगल एक्टिविटी को अंजाम देने वाली है। यह राउंड असल में गल्फ वॉर के दौरान हेलीकॉप्टर को रोकने के लिए डेवलप हुआ था। इसी के साथ हम जनरल मशीन गंज का भी निर्माण करेंगे। वही हाल ही में हम यूके की रॉयल मरीन फोर्सेस के लिए हुक्स और अन्य इक्विपमेंट तैयार कर रहे हैं।
सवाल. अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद स्टार्ट अप कैसे प्लान किया किसका सपोर्ट रहा उस दौरान?
जवाब. मैंने राजीव गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल की है। वही मैंने गन सिस्टम डिजाइन में स्पेशलाइजेशन डिफेंस एकेडमी यूनाइटेड किंगडम से कंप्लीट किया है। कॉलेज से प्लेसमेंट होने के बाद मैंने जॉब ज्वाइन नहीं किया और खुद के स्टार्टअप की ओर बढ़ गया लेकिन मन में कई बार नेगेटिव ख्याल आते थे लेकिन मैंने हमेशा खुद को पॉजिटिव रखा मेरी मम्मी और मेरे अपने सब मेरे साथ खड़े रहे। उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया। मेरे पिताजी मुकुल श्रीवास्तव बीएसएफ में कमांडेंट के पद पर थे। 2012 में कार्डियक अरेस्ट के चलते उनकी डेथ हो गई थी वही मम्मी ममता श्रीवास्तव माता गुजरी कॉलेज में प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत है। मेरा स्टार्टअप अलग है वहीं इसमें देश दुनिया की बड़ी कंपनियों से मेरा कंपटीशन है। कई बार मन में नेगेटिव विचार आए लेकिन मैंने खुद को मोटिवेट रखा और आज हमें लाइसेंस मिल गया है और हम जल्द ही भारतीय सेना के लिए कई प्रोजेक्ट पर गन तैयार करेंगे।