शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। वहीं वर्तमान में शनि अपनी स्वराशि मकर में गोचर कर रहे हैं। शनि ढैय्या की चपेट में मिथुन और तुला राशि वाले हैं। जानिए मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या का प्रभाव और कब मिलेगी इन्हें मु्क्ति-
तुला राशि:
तुला राशि को शनि की उच्च राशि माना जाता है। माना जाता है कि शनि ढैय्या का प्रभाव इस राशि पर अन्य की तुलना में थोड़ा कम पड़ता है। तुला राशि वालों पर 24 जनवरी 2020 से शनि ढैय्या चल रही है। तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से 17 जनवरी 2023 को पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी।
मिथुन राशि:
मिथुन राशि वालों पर 24 जनवरी 2020 से शनि ढैय्या चल रही है। यह 29 अप्रैल 2022 को समाप्त होगी। हालांकि 12 जुलाई 2022 को शनि ढैय्या फिर से आप पर शुरू होगी, 17 जनवरी 2023 को पूर्णतया शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि ढैय्या का प्रभाव:
शनि ढैय्या से पीड़ित राशि वालों को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान किसी भी काम में सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। शनि ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।