श्रावण मास भगवान महादेव को बेहद प्रिय होता है। सावन का महीना हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। साथ ही इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सावन के महीने में सोमवार व्रत और शिवलिंग का जलाभिषेक करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है।
भगवान शिव को प्रिय बेलपत्र का जिक्र शिव पुराण में भी कई जगह किया गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेल पत्तों के अलावा शिवजी को पांच दूसरे पत्ते भी खूब पसंद हैं। आइए जानते हैं इस सावन बेलपत्र के साथ कौन से पत्ते चढ़ाकर भगवान को शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है।
शमी के पत्ते
आमतौर पर शमी के पत्ते शनिदेव को ही चढ़ाए जाते हैं, लेकिन ये पत्ते शिवलिंग पर भी चढ़ाए जाते हैं। रोज सुबह शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं और इसके बाद बिल्व के साथ ही शमी के पत्ते भी जरूर चढ़ाएं। ऐसा करने से भोलेनाथ के साथ-साथ शनिदेव की कृपा भी बनी रहेगी।
भांग के पत्ते
शिवजी को बेलपत्र के बाद दूसरा सबसे प्रिय लगने वाला पत्ता भांग का है। शिवलिंग पर भांग चढ़ाने से हमारे मन के विकार और बुराइयां दूर होती हैं। भांग एक औषधि है। मान्यता हैं कि जब शिवजी ने विष का पान किया था तब जहर का जहर से उपचार करने के लिए भांग के पत्ते देवताओं ने शिवजी पर चढ़ाए थे।
आम के पत्ते
भगवान शिव को आम के पत्ते अर्पित करने से वे अपने भक्तों का दुर्भाग्य दूर करते हैं, साथ ही धन-लाभ की संभावनाएं बनती हैं।
दूर्वा
शास्त्रों में दूर्वा यानी घास का बहुत महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इसमें अमृत बसा है। भगवान शिव और उनके पुत्र गणेश जी को दूर्वा बेहद प्रिय है। भगवान शिव को दूर्वा अर्पित करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
धतूरे के पत्ते
धतूरे का फल और पत्ता औषधि के रूप में भी काम आता है। शिव पुराण में वर्णित है कि शिवजी को धतूरा बहुत प्रिय है। ये पत्ते शिवलिंग पर चढ़ाने से भक्त के सभी बुरे विचार नष्ट होते हैं और सोच सकारात्मक बनती है।