इंदौर। मध्यप्रदेश विधानसभा के रण में भाजपा और कांग्रेस की जोर-आजमाइश शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रियंका के सहारे तो भाजपा अमित शाह के दम पर मध्यप्रदेश के रण की हुंकार भर रही है। भाजपा के विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन का दौर शुरू हो गया है और यह गिले-शिकवे दूर करने का जरिया भी बन रहा है। पिछले चुनाव में इंदौर की एक नंबर विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले सुदर्शन गुप्ता और भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्तन गुरु की अनबन हो गई थी। अनबन का नतीजा यह हुआ कि 2013 के चुनाव में रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल करने वाले सुदर्शन गुप्ता 2018 में कांग्रेस के संजय शुक्ला के सामने चुनाव हार बैठे थे।
टिकटों की जुगाड़ के ऐनपहले वैमनस्य दूर करना भी एक राजनीतिक पैंतरा है। कार्यकर्ता सम्मेलन में नपे-तुले शब्दों और काव्यात्मक अंदाज में सत्तन ने सुदर्शन की तारीफ की तो पार्टी के रणनीतिकार भी ताज्जुब में पड़ गए। सत्तन ने कहा कि मंच पर एक ओर शंकर हैं तो दूसरी ओर सुदर्शन। इसके बाद उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा को जिताने के लिए कार्यकर्ताओं को एड़ी-चोट का जोर लगाने की नसीहत दे डाली। खैर, पिछले कुछ वक्त पहले सत्तन का कोप देख प्रदेश के मुखिया को इंदौर दौड़ लगाना पड़ी ताकि विधानसभा चुनाव की जाजम पर कोई गोट सरक न पाए। अब देखना है कि सत्तन का अनुभव और कार्यकर्ताओं का गठजोड़ भाजपा के लिए आगे की राह किस तरह आसान करता है।