इंदौर : शहर के गौरव दिवस की तिथि को लेकर आयोजित बैठक के बाद भड़के सत्यनारायण सत्तन…कहा जब सरकार को ही सब तय करना है,तो हमारा समय क्यों व्यर्थ किया…अपनी ही शैली में कई बातें बोल गए सत्तन गुरु उन्होंने आगे कहा कि हमने तो माता अहिल्या का गुणगान किया है वो निर्विवाद रूप से पुज्य्नीय है अगर उनके पर कोई भी कार्यक्रम या गौरव दिवस होता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है.
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अब रहा प्रश्न इंदौर की स्थापना का तो इसके सन्दर्भ में कोई बात हुई ही नहीं और स्थापना में देखा जाए तो नंदलाल जी का योगदान है वहां से शुरू होता है ये सब परन्तु आज की तारीख में इन्हें गौरव दिवस मनाना है जिस तरीके से देश में नगरों के नाम परिवर्तित हो रहे है यहाँ पर नई-नई मान्यताएं प्रत्यवादित की जा रही है.
ऐसी स्थिति में इंदौर का एक गौरव दिवस मनाने का संकल्प भी मध्यप्रदेश की मिली-जुली सरकार ने लिया है जो इधर-उधर से आये हुए लोगों को लेकर बनी है. उस सरकार ने यह निर्णय लिया है कि हम यहां इंदौर का एक गौरव दिवस मनाये.
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ऐसे में सरकार ही तय कर लेगी गौरव दिवस कब मनाएं उन्होंने गुस्से में कहाँ- ऐसे में हमारा समय क्यों व्यर्थ करवाया यहां बैठकर जितने भी लोग आएं सबने मां अहिल्या की वंदना की अभिवादन किया.