सतपुड़ा भवन अग्निकांड: मनमर्जी से करवाए गए विभागों के निर्माण, सुरक्षा का नहीं रखा बिल्कुल भी ध्यान

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MP News: राजधानी भोपाल में सोमवार उस समय अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया था, जब मंत्रालय वल्लभ भवन के समीप स्थित सतपुड़ा भवन में अचानक आग लग गई थी। आग इतनी ज्यादा भयानक थी कि धुएं के गुब्बार दूर से ही दिखाई दे रहे थे। तीसरी मंजिल पर लगी आग धीरे-धीरे चौथी और पांचवी से होकर छटी तक पहुंच थी।

हालांकि सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी मौके पर पहुंच गई और आग को बुझाने का काम शुरू किया गया। लेकिन तब तक भवन में रखी फाइलें जलकर राख हो गई थी। इस आगजनी में कोई भी व्यक्ति को चोट तो नहीं आई। लेकिन सारे जरूरी दस्तावेज जलकर खाक हो गए जिस पर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

बता दें कि आग सतपुड़ा भवन के आदिम जाति क्षेत्रीय विकास परियोजना के कार्यालय से शुरू हुई थी, जो कि स्वास्थ्य संचालनालय के कार्यालय तक पहुंच गई। जिस समय आग लगी उस समय बड़ी संख्या में लोग मल्टी में कार्य कर रहे थे। गौरतलब है कि सतपुड़ा भवन में आग तकरीबन 4:00 बजे के लगभग लगी है।

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लेकिन इस भीषण आग को बुझाने के लिए सेना तक को बुलाना पड़ गया। इतना ही नहीं पूरी तरह से आंख तकरीबन 20 घंटे में जाकर भुजी। सतपुड़ा भवन में लगी आग पर आप विपक्ष भी प्रदेश सरकार पर हावी हो गया है और इस आग को आने वाले चुनाव से जोड़ा जा रहा है।

लेकिन इस बीच खबर यह भी आ रही है कि मनमानी तरीके से विभागों के करवाए गए निर्माण की वजह से भी आग पर आसानी से काबू ना पाना कारण बताया जा रहा है, क्योंकि इस दौरान सुरक्षा से संबंधित सारी बातों और उपकरणों को बिल्कुल दरकिनार कर दिया गया। क्योंकि इसमें किसी भी तरह के कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए।

साथ ही जो इक्विपमेंट पहले से ही आग को बुझाने के लिए रखे हुए थे उनका भी उपयोग नहीं हो पाया। यह निष्कर्ष अपर मुख्य सचिव गृह डा.राजेश राजौरा की अध्यक्षता में गठित समिति की जांच में सामने आया है। जानकारी के लिए बता दें कि सोमवार के दिन प्रदेश के मुखिया को समिति द्वारा अब तक की जांच की रिपोर्ट देगी। जो समिति बनाई गई है उनके द्वारा लगातार कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है और हर एक चीज की बारीकी से जांच की जा रही है।