हरियाली तीज का पर्व आने वाला है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस साल ये तीज 11 अगस्त 2021 को मनाई जाएगी। बता दे, हरियाली तीज व्रत कठिन व्रतों में से एक माना गया है। इस दिन सुहागन महिला अन्न और जल का त्याग करती है।
आपको बता दे, श्रावण मास में 8 जुलाई को रविपुष्य नक्षत्र के सर्वार्थसिद्धि योग में हरियाली अमावस्या रहेगी। धर्मधानी उज्जैन में हरियाली अमावस्या पर दूधतलाई व अनंतपेठ में दीवासे के मेले की परंपरा है। धर्मशास्त्रीय मान्यता में हरियाली अमावस्या पर जीवन को सुखमय बनाने तथा पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाने की मान्यता है।
ज्योतिषों के अनुसार हरियाली अमावस्या इस बार रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र के संयोग में आ रही है। दरअसल, जब भी पुष्य नक्षत्र होता है, तो यह सर्वार्थसिद्धि योग की श्रेणी में आता है। कहा जाता है कि इस योग में की गई पूजा व दान पुण्य विशेष फल प्रदान करता है।
मान्यताओं के मुताबिक, पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि है और शनि वर्तमान में अपनी ही राशि मकर में परिभ्रमण कर रहे हैं। इस लिए जिन जातकों को शनि की साढ़ेसाती अथवा महादशा चल रही है तो उन्हें शमी के वृक्ष का पूजन तथा शमी के पौधे का रोपण करना चाहिए।
जीवन को सुखमय बनाने के लिए लगाए यह पौधे –
आपको बता दे, हरियाली अमावस्या पर श्वेतार्क का पौधा लगाने से मांगलिक कार्यों में आ रही बाधा का निवारण होता है। वही संतान प्राप्ति में आ रही बाधा दूर होती है। इसके अलावा शमी का पौधा लगाने से कार्य की सिद्धि तथा विजय की प्राप्ति होती है। शनि की ढैया, साढ़ेसाती तथा महादशा की परेशानियों में लाभ प्राप्त होता है। आंवले का पौधा लगाने से सुख-सौभाग्य के साथ महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
अशोक का पौधा लगाने से दोषों का निवारण होता है। साथ ही वंशवृद्धि में सहायता प्राप्त होती है। भगवान विष्णु या भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में पीपल का पौधा लगाने से अष्ट सिद्धि तथा पितरों की कृपा प्राप्त होती है। बरगद का पौधा लगाने से वरिष्ठों की कृपा के साथ परिवार का विस्तार होता है। नीम का पौधा लगाने से शारीरिक कष्ट तथा चर्म रोग के दोष का निवारण होता है।