- वरिष्ठ कांग्रेस नेता संजय निरुपम, जिन्होंने 04 अप्रैल यानी आज सबसे पहले नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता की आलोचना की, इसके बाद अब उन्होंने भविष्य की योजनाओ को जय श्री राम के नारे के साथ साझा किया है आगे यह पूछे जाने पर कि आगे क्या योजना है? उन्होंने उत्तर दिया कि मेरे पास कई व्यापक योजनाएं हैं। निरुपम को कल 17 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कांग्रेस के सहयोगी उद्धव ठाकरे की शिव सेना पर उनके द्वारा की गयी टिप्पणियों के कारण निष्कासित कर दिया गया था। वरिष्ठ नेता निरुपम ने 2009 में मुंबई उत्तर सीट जीती थी, लेकिन 2014 और 2019 में मुंबई उत्तर और पश्चिम से चुनाव हार गए। आज उन्होंने साफ कर दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह दोनों तरफ से चुनाव लड़ेंगे। पूर्व सांसद, जिन्हें कांग्रेस द्वारा ‘अनुशासनहीनता’ और ‘पार्टी विरोधी बयानों’ के लिए दंडित किया गया था। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा- धर्मनिरपेक्षता का मतलब किसी को अपने धर्म को नज़रअंदाज़ करना ज़रूरी नहीं है… नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता, जिसमें समाज में धर्म के लिए कोई जगह नहीं है, ख़त्म हो चुकी है।
‘कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर अन्य कटाक्ष’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब इतिहास है और उसका कोई भविष्य नहीं है और महा विकास अघाड़ी ‘तीन बीमार इकाइयों’ का विलय है। उन्होंने कहा, कांग्रेस में पांच शक्ति केंद्र हैं: गांधी परिवार के तीन सदस्य, एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और (पार्टी महासचिव) केसी वेणुगोपाल, श्री निरुपम ने कहा था।
‘कांग्रेस में बहुत बड़ी संवादहीनता’
शीर्ष नेतृत्व द्वारा मेरी बात नहीं सुनी जा रही थी। जिस तरह से महाराष्ट्र गठबंधन की सीटों का बटवारा किया गया वह गलत था। शिवसेना को सीटें देना एक विनाशकारी कदम था, जिसमें मेरी सीट भी शामिल थी। उन्होंने सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और एक घोटालेबाज को सीट दे दी, जो कि ED की राडार पर था।