कोरोना काल में लोगो की जहाँ आदमनी लगभग खत्म हो गई थी। इसी बीच ऑनलाइन क्लास के नाम पर स्कूल फीस के नाम पर हो रही लूट ने अभिभावकों की नींद उड़ा दी थी। जिस पर कुछ सामाजिक संगठन और अभिभावकों ने जमकर आपत्ति जताई और स्कूल द्वारा मनमानी फीस वसूलने का विरोध किया। जिस के बाद यह लोग न्याय की आस में अदालत के दरवाजे में आये। जिस पर हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
हाई कोर्ट ने यह फैसला अपना अभिभावको के पक्ष में सुनते हुए कहा कि कोरोना काल ख़त्म होने तक सिर्फ़ ट्यूशन फ़ीस वसूल सकेंगे निजी स्कूल। हाई कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को यथावत रखा है। उसके बाद हाई कोर्ट ने कहा की जब स्कूल खुलेंगे उसके बाद के सेशन में फ़ीस बढ़ाने का फ़ैसला शासन लेगा । निजी स्कूल कोई एरियर्स बाद में नहीं वसूल सकेंगे। यह फैसला हाई कोर्ट ने 13 पन्नो में जारी किया है। और इस पूरी सुनवाई में हाई कोर्ट ने सबसे महत्वपूर्ण यह बात बोली की “किसी भी स्तिथि में बच्चों को गुडणवत्ता पूर्ण शिक्षा से नहीं किया जाएगा वंचित। “
यह है हाई कोर्ट का फैसला