– ऋतिका समद्दर, रीजनल हेड- डायटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर- दिल्ली
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भारत में यह त्यौहारों का वक्त है! सितंबर 2023 में गणेश चतुर्थी मनाने के बाद अब हर कोई नवरात्रि की तैयारी कर रहा है। इस साल नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू होगी और 24 अक्टूबर को खत्म होगी। भारत में अलग-अलग जगहों के लोग अपने खास तरीके से नवरात्रि मनाते हैं और इस वक्त लोग जो खाना खाते हैं, वह भी अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होता है। लेकिन सभी में एक बात समान होती है और वह है इन नौ दिनों के दौरान उपवास रखने की परंपरा।
कुछ लोग नवरात्रि के दौरान विशेष डाइट जिसे सात्विक आहार कहा जाता है, का सेवन करते हैं। कई दूसरे लोग देवी के प्रति अपनी भक्ति जताने के लिये उपवास रखते हैं और देवी दुर्गा की पूजा करने के बाद ही खाते हैं। यह उपवास नवरात्रि के पहले दिन से शुरू हो जाता है और नौवें दिन तक चलता है। इस उपवास के दौरान खाने योग्य चीजें बड़ी ही खास होती हैं। सात्विक आहार शाकाहारी तो होता ही है, उपवास के नियम भी ज्यादा कठोर हो जाते हैं। उपवास के दौरान बादाम भी पसंद की जाती हैं। अपनेआप में या किसी व्यंजन में मिलाने पर वे पौष्टिक होने के साथ ही लगातार ऊर्जा भी देती हैं; बादाम में संतोष देने वाले गुण होते हैं, जो इन्हें उपवास के लिये आदर्श बनाते हैं। अगर आप नवरात्रि के दौरान उपवास रखने की सोच रहे हैं, तो आइये इस पर थोड़ा ज्यादा ध्यान देते हैं कि आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं।
नवरात्रि के उपवास में यह करें:
• सेहतमंद स्नैकिंग: खुद को बादाम जैसे नट्स से पोषित करें। उन्हें कच्चा खाया जा सकता है या व्यंजनों में मिलाया जा सकता है। बादाम से संतुष्टि मिलती है और लंबे समय के लिये भूख को रोक सकती हैं। बादाम खाने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है, जिस पर कई लोगों का ध्यान रहता है। बादाम आसानी और तेजी से स्वाद देती हैं और किसी भी भारतीय मसाले से उन्हें ज्यादा स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। बादाम में अपने पसंदीदा स्वाद मिलाकर सेहतमंद और स्वादिष्ट स्नैक्स बनाएं, जिन्हें आपका परिवार पसंद करे।
• कठोर शाकाहारी या सात्विक आहार: ‘सात्विक’ चीजें खाएं, जिनमें शुद्धता हो और जो शांत तथा सकारात्मक सोच रखने में मदद करें। नवरात्रि के उपवास में ताजे फलों, डेयरी उत्पादों, बादाम जैसे नट्स और चुनिंदा सब्जियों को शामिल किया जा सकता है।
• खास आटे चुनें: नवरात्रि के उपवास में गेहूं और साधारण चावल से बचा जाता है। खाने-पीने की चीजें बनाने के लिये कुट्टू का आटा, राजगीरा और सिंघाड़ा जैसे खास आटे का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
• डेयरी उत्पाद शामिल करें: नवरात्रि के उपवास में दूध, दही, पनीर और बिना नमक वाले मक्खन (अनसॉल्टेड बटर) को शामिल करें। बार्नयार्ड मिलेट से बनी ‘व्रत के चावल की खीर’ जैसे पारंपरिक व्यंजन खूब पसंद किये जाते हैं।
• सेंधा नमक का इस्तेमाल करें: खाने में साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करें, इसे उपवास में काफी पसंद किया जाता है।
इन दिशा-निर्देशों का पालन कर, आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि नवरात्रि का उपवास सांस्कृतिक एवं पारंपरिक सिद्धांतों के अनुरूप रहे, जिससे शारीरिक तंदुरुस्ती और आध्यात्मिक बेहतरी को बढ़ावा मिले।
नवरात्रि के उपवास में यह न करें
• साधारण नमक से बचें: साधारण आयोडाइज़्ड नमक या टेबल साल्ट के बजाए सेंधा नमक लें, जो उपवास के पारंपरिक दिशा-निर्देशों के अनुसार हैं और धार्मिक क्रियाकलापों के लिये अधिक शुद्ध माना जाता है।
• अनाज और दालों से बचें: रोजाना खाने के काम आने वाले अनाजों, जैसे कि चावल और गेहूं से बिलकुल दूर रहें। दालों से भी आमतौर पर बचा जाता है, ताकि शरीर हल्का रहे और नवरात्रि के दौरान आध्यात्मिक जागृति में सहायता मिले।
• प्याज और लहसुन से बचें: आमतौर पर तामसिक माने जाने वाले प्याज और लहसुन को नवरात्रि के दौरान नहीं खाते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि वे अध्यात्मिक प्रगति से ध्यान भटकाते हैं।
• मांस और अंडों से बचें: नवरात्रि शाकाहार का वक्त होता है। इसलिये उपवास की शुचिता बनाये रखने के लिये हर तरह के मांस, पोल्ट्री, मछली और अंडों से दूर रहना चाहिये।
• प्रोसेस्ड एवं फर्मेन्टेड फूड्स से बचें: फर्मेन्टेड फूड्स, जैसे कि कई बेकरी उत्पादों में खमीर होता है और इस वक्त उन्हें नहीं खाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि वे इस पवित्र समय में शरीर की ऊर्जा के संतुलन को प्रभावित करते हैं।
शुभ नवरात्रि!!