हरिद्वार में हाल ही में आयोजित कथित ‘धर्म संसद'(Dharma Sansad)’ में नफरत फैलाने वाले भाषण देने के मामले की जांच अब एसआईटी के द्वारा की जायेगी(Now SIT will investigate)। इसके लिए रविवार को एसआईटी(SIT) गठित भी की गई हैं। ये जानकारी गढ़वाल के पुलिस उप महानिरीक्षक (DIGP) के एस नागन्याल(KS Nagnyal) द्वारा दी गई और उन्होंने ये भी बताया कि अगर जांच में किसी के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो गिरफ्तारी की जायेगी।
आपको बता दें कि उत्तराखंड के हरिद्वार में 16 से 19 दिसंबर के बीच कथित ‘धर्म संसद’ का आयोजन किया गया था जिसमें कथित तौर पर मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण दिए जाने के आरोप लगें हैं अब उत्तराखंड की सरकार पर कार्रवाई करने को लेकर काफी दबाव है। हाल ही में इस बावत कुछ सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि कथित ‘धर्म संसद’ विभिन्न धर्मों के शांतिपूर्ण सह अस्तित्व की उत्तराखंड की लंबी परंपरा पर काला धब्बा है।
हालांकि पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की है जिनमें गाजियाबाद के डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिम्हानंद, जो इस धर्म संसद के आयोजक भी हैं, वसीम रिजवी, जिन्होंने पिछले महीने ही हिंदू धर्म अपनाया और अपना नाम जितेंद्र नारायण त्यागी रख लिया है, साथ ही साधवी अन्नपूर्णा धर्मदास, और संत सिंधु सागर आदि शामिल हैं।