RSS की सर्वोच्च प्रतिनिधि सभा बैठक गुजरात के कर्णावती में हुई संपन्न

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 11 मार्च से 13 मार्च तक गुजरात के कर्णावती में सम्पन्न हुई। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सर्वोच्च सभा है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में पारित प्रस्ताव, वृत्त प्रतिवेदन, स्वराज का अमृत महोत्सव इत्यादि के विषयों मे मालवा प्रान्त के माननीय संघचालक डॉ प्रकाश जी शास्त्री ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।

डॉ प्रकाश जी शास्त्री ने बताया कि यह बैठक निर्बाध रूप से प्रतिवर्ष होती हैं, जिसमें संघ के विभाग, प्रान्त व क्षेत्र स्तर के प्रतिनिधि, अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य, विविध संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ता अपेक्षित होते हैं। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के प्रारंभ में गत वर्ष समाज जीवन में कार्य करने वाले दिवंगत हुए विशिष्ट ज को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

परम पूजनीय सरसंघचालक जी तथा माननीय सरकार्यवाह जी का प्रवास

माननीय सरकार्यवाह जी ने परम पूजनीय सरसंघचालक तथा माननीय सरकार्यवाह जी के वर्ष भर हुए प्रवास के विषय में जानकारी दी। पूज्यनिय सरसंघचालक जी का 2021-22 मे 21 प्रीतों में प्रवास हुआ, प्रवास के दौरान संगठन श्रेणी, जागरण श्रेणी, प्रान्त टोली ओर सभी प्रचारक बंधुओ के साथ बैठक सम्पन्न हुई, साथ ही 15 प्रांती में प्रयुजन गोष्ठी के कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए। समाज जीवन में कार्य कर रहे बंधुओ तथा संतों से भी शिष्टाचार भेंट हुई।
माननीय सरकार्यवाह जी का 2021-22 मे 19 प्रांतों में प्रवास हुआ, प्रवास कार्यक्रम के दौरान कुछ प्रांतों में परिचय वर्ग सम्पन्न हुए साथ ही बहुत से प्रांतों में स्वयंसेवक एकत्रीकरण हुए। माननीय सरकार्यवाह जी के प्रवास के दौरान सभी प्रांतों में संगठनात्मक बैठके सम्पन्न हुई।

माननीय सरकार्यवाह जी ने मार्च 2021 से मार्च 2022 तक की कार्यस्थति के विषय में भी वृत्त प्रस्तुत किया। मार्च 2021 मे संघ कार्य 34,569 स्थानों पर था जो बढ़कर अब 38,390 स्थानों तक पहुंच गया है. इसी तरह शाखाए 55,652 से बढ़कर 60,929 साप्ताहिक मिलन 18,553 से बढ़कर 20681 तथा संघ मण्डली की संख्या 7655 से बढ़कर 7923 हो गई है।

इसी तरह संगठन श्रेणी के कार्य विभागों तथा गतिविधियों का भी प्रस्तुत किया गया संघ के सभी कार्य विभागों तथा गतिविधियों का भी वृत प्रस्तुत किया गया संघ के सभी कार्य विभाग तथा गतिविधिया निरंतर द्रुत गति से आगे बढ़ रहे है।

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मालवा प्रान्त

मालवा प्रान्त में गत वर्ष सम्पन हुए कुछ विशिष्ट कार्यक्रमों का वृत्त प्रतिनिधि सभा में प्रस्तुत किया गया।

1.प्रान्त में प्रत्येक गतिविधि तथा कार्यविभाग के सम्मेलन की योजना के अनुसार 28 से 284 “कार्यविभाग गतिविधि सम्मेलन हुए जिनमे 10,004 मत रहे सभी कार्यविभागों की टोलियों की पूर्णता कार्यकर्ताओं में कार्य की पता की दृष्टि से यह प्रयोग उपयोगी रहा।

विभाग में दिनांक 26 दिसंबर 2021 को 6 स्थानों पर हुए -20782822] [बाल एवं 741 शिशु स्वयंसेवक सहभागी हुए कुल 2150 नागरिक राजन कार्यक्रम मे उनके विद्यार्थी शाखा की 53 से बढ़कर 196 हो गई है।

मालवा प्रान्त में गत 6 माह में शाखाओं की संख्या 200 बढ़ गई है वर्तमान में मालवा प्रांत में 3131 शाखाएं हो गई है

मालवा प्रान्त में शाखा स्थान में भी वृद्धि होकर 2013 पहुंच गई है।
संघ के शताब्दी वर्ष को देखते हुए शाखा विस्तार के लिए सैकड़ों कार्यकर्ता दो वर्ष का समयदान करने जाते हैं।

स्वराज्य का अमृत महोत्सव

यह वर्ष स्वाधीनता का 75 वा वर्ष है सम्पूर्ण देश इसे अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है, हमे स्वाधीनता से स्वतंत्रता की और जाना ” है। ‘स्व आधारित जीवन पद्धति को पुनः अंगीकार करना है।
अमृत महोत्सव के दौरान हमे ये भी ध्यान आना चाहिए कि स्वाधीनता की प्राप्ति के लिए भारत के प्रत्येक जन ने संघर्ष किया था और इसलिए यह वर्ष उन सभी मृतकों का स्मरण करने और उनसे प्रेरणा प्राप्त करने का भी है।
स्वराज्य के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कार्यक्रम हो रहे हैं प्रान्त उज्जैन सभाग) में ग्रामों से नगरों तक एवं नगरों से महानगर स्तर तक विविध कार्यक्रम आयोजित हुए है।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर ग्रामों में एवं नगरों की बस्तियों में बड़ी संख्या में भारत माता पूजन के कार्यक्रम सम्पन्न हुए तथा व्याख्यानों का क्रम भी अमृत महोत्सव के निमित्त चल ही रहा है
मालवा प्रान्त मे अमृत महोत्सव के निमित्त कुल 3677 कार्यक्रम सम्पन्न हुए हैं, जिनमें 1,13,070 की संख्या उपस्थित रही है, इनमे कुल 2073 वक्ताओं ने विषय को सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत किया है।

पारित प्रस्ताव

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में भारत को स्वावलम्बी बनाने हेतु कार्यों के अवसर बढ़ाना आवश्यक नामक प्रस्ताव पारित हुआ। प्रस्ताव के अनुसार, विगत वर्षों में कोविड के कारण रोजगार में विघ्न पैदा हुए हैं और सम्पूर्ण समाज को इसका महत्व भी ज्ञात हुआ हुआ सम्पूर्ण समाज को मिलकर मानव केंद्रित, पर्यावरण के अनुकूल, श्रम प्रधान तथा विकेंद्रीकरण एवं लाभांश का न्यायसंगत वितरण करनेवाले भारतीय आर्थिक प्रतिमान (मॉडल) को महत्व दिया जाना चाहिए, जो ग्रामीण अर्थव्यवथा, सूक्ष्म उद्योग, लघु उद्योग और कृषि आधारित उद्योगों को संवर्धित करता है। ग्रामीण रोजगार असंगठित क्षेत्र एवं महिलाओं के रोजगार और अर्थव्यवस्था में उनकी समग्र भागीदारी जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देना चाहिए। हमारी सामाजिक परिस्थिति के अनुरूप नई तकनीकी तथा सॉफ्ट स्किल्स को अंगीकार करने के प्रयास करना अनिवार्य है।

अ.भा.प्र.सभा ने नागरिकों से आवाहन किया कि अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए धारणक्षम एवं समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु रोजगार सृजन के भारत केंद्रित प्रतिमान (मॉडल) पर कार्य करें। साथ ही समाज के सभी घटकों का आवाहन करते हुए कहा कि विविध प्रकार के कार्य के अवसरों को बढ़ाते हुए हमारे शाश्चत मूल्यों पर आधारित एक स्वस्थ कार्य संस्कृति को प्रस्थापित करे, जिससे भारत वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर पुनः अपना उचित स्थान अंकित कर सके।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य तीव्र गति से बढ़ रहा है, कोरोना की आपदा में स्वयंसेवकों ने अपने जीवन की परवाह किए बगेर समाज की सेवा की है, कोरोना के समाप्त होने के संघ कार्य पुनः मैदान पर लौट रहा है। शाखाओ साप्ताहिक मिलन तथा संघ मंडली की संख्या नियमित बढ़ रही है साथ ही कार्य विभागों व गतिविधियों के कार्य का भी पर्याप्त व्याप हो रहा है।