इस साल भी शहर में नहीं निकाली जाएगी रंगपंचमी गैर, 75 साल में ऐसा दूसरा बार

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इंदाैर: कोरोना ने एक बार फिर मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी में अपनी दस्तक दी है। इससे पहले पिछले वर्ष भी लॉकडाउन के समय में सबसे ज्यादा केस इंदौर में ही आये थे। जिसके बाद इस साल की शुरुआत में थोड़ी राहत नजर आ रही थी लेकिन विगत 24 घंटे पहले ही अचानक से कोरोना ने तेज़ रफ़्तार पकड़ ली है, जिसे लेकर प्रशासन काफी सख्त नजर आ रहा है, और प्रदेश CM ने भी एक बार फिर भोपाल और इंदौर में मास्क अनिवार्य कर दिया है। इस बार के कोरोना के रिटर्न के बाद खतरे को देखते हुए आज इंदौर में क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक संपन्न हुई।

आज शाम को क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में कोरोना को लेकर कई फैसले लिए गए है। इसी क्रम में इंदौरवासियो के लिए निराश करने वाली एक खबर सामने आई है, पिछले साल कोरोना महामारी के कारण इंदौर में रंगपंचमी को निकलने वाली गैर नहीं निकली थी और इस वर्ष भी इसके न निकलने को लेकर इस बैठक में निर्णय लिया गया है।

रंगपंचमी पर हर साल इंदौर शहर में निकलने वाली ऐतिहासिक गेर पिछले 75 साल से निकाली जा रही थी लेकिन इतिहास में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ कि दो बार रंगपंचमी की गैर नहीं निकाली जाएगी। इसके पहले 2020 में भी गेर पर कोरोना का साया पड़ गया था। रंगपंचमी की गैर को देश में आपातकाल, दंगों और भीषण सूखे के दौर में भी इसे रोका नहीं गया था।

 

रंगपंचमी की बैठक को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट में निर्णय-
आज इंदौर शहर में क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक संपन्न हुई है, जिसमे जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने कहां हैं कि “कोरोना केस बढ़ने के बाद कुछ फैसले लिए गए हैं, इसमें मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है, अब फिर से मास्क नहीं पहनने पर स्पॉट फाइन की ओर हम जा रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर अनिवार्य किया गया है” साथ ही आगे कलेक्टर मनीष सिंह ने कहां कि “कोरोना की ऐसी स्थिति में शहर में निकलने वाली गेर को मंजूरी नहीं दी जाएगी, आयोजन हाल और ओपन ग्राउंड में 50 फीसदी क्षमता अनिवार्य की गई है, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना होटल संचालक की जिम्मेदारी होगी, बिना अनुमति कोई आयोजन नहीं होंगे। बड़े आयोजन को अनुमति नहीं दी जाएगी, उठावना और अंतिम यात्रा में 50 लोग ही शामिल हो पाएंगे।” इसके साथ ही एक बार फिर से उन्ही नियमो को अपनाया जायेगा जो लॉकडाउन में थे.