बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती अपनी पार्टी पर हुई बगावत में कड़ी प्रतिक्रिया देते सपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि हमारे सात विधायकों को तोड़ा गया है। समाजवादी पार्टी यह हरकत भारी पड़ेगी। गुरुवार को मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए सपा के साथ हाथ मिलाया था।
बसपा की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी में लड़ रही अपनी परिवार के लड़ाई के कारण, बसपा के साथ ‘गठबंधन’ का अधिक लाभ नहीं ले सके।समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के बाद बसपा से बातचीत करना बंद कर दिया था। इस वजह से हमारी पार्टी ने भी समाजवादी पार्टी से दूरी बना ली। उन्होंने कहा की हम पर बीजेपी से मिले होने होने का जो आरोप लगा रहे है वो गलत है।
मायावती ने पूर्व में 1995 जो घटना हुई उसको भूल कर हम आगे बढ़े। चुनाव के दौरान सपा को हमसे कोई लाभ नहीं मिला। हमने चुनाव के बाद कई बार फोन किया, लेकिन सपा ने फोन नहीं उठाया। उन्होंने आगे कहा 1995 के केस को वापस लेना गलत फैसला था। उन्होंने कहा कि भी भी 2 जून 1995 की टीस बकरार है।
गौरतलब है कि राज्यसभा में बसपा के 5 प्रत्याशियों ने अपना अपना प्रस्ताव वापस ले लिया। यह 5 प्रत्याशियों में असलम राइनी, असलम अली, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद और हरगोविंद भार्गव शामिल है। इन पांचों के अलावा बसपा विधायक सुषमा पटेल और वंदना सिंह ने भी अखिलेश से मुलाकात की थी। ऐसा बताया जा रहा यही की यह सभी जल्द ही सपा में आ सकते हैं।