शहर की दो अमीर संगठनों के तौर पर मशहूर डेली कॉलेज में वित्तीय खर्चों की बढ़त पर सवाल उठा है। 150 साल से ज्यादा पुराने डेली कॉलेज को श्री यशवंत क्लब के साथ डेली कॉलेज के ही ओल्ड डोनर्स एसोसिएशन ने वित्तीय अनियमितताओं के चलते निशाना बनाया है। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 के वित्तीय साल में कोविड-19 के चलते स्कूल 40 दिन ही चले थे, लेकिन उसमें 53 करोड़ रुपए का खर्च बताया गया है, जबकि 2022-23 में स्कूल के 220 दिन चलने के बावजूद 70 करोड़ रुपए का खर्च दर्ज किया गया है। इसके अलावा, खर्च में 35% की वृद्धि भी दर्ज की गई है।
ओल्ड डोनर्स एसोसिएशन के सदस्य अजय बागड़िया और संदीप पारीख ने इन वित्तीय अनियमितताओं पर सवाल उठाया है और उन्होंने वित्तीय सचिव के साथ-साथ स्कूल के प्रिंसिपल से इसका जवाब मांगा है। इस मामले में डेली कॉलेज के बोर्ड के सदस्यों और ओल्ड डोनर्स एसोसिएशन के सदस्यों के बीच तनाव बढ़ गया है, जबकि प्रिंसिपल ने सभी गड़बड़ियों को खारिज कर दिया है और कहा है कि खर्चों की वृद्धि के पीछे कोविड-19 के प्रभाव और अन्य कारण हैं।
ओल्ड डोनर्स एसोसिएशन के सदस्य अजय बागड़िया ने उठाया सवाल
ओल्ड डोनर्स एसोसिएशन के सदस्य और एडवोकेट अजय बागड़िया ने कहा है कि उन्होंने सिर्फ स्कूल के हितों की रक्षा के लिए सवाल उठाया है और उन्हें जवाब चाहिए। बोर्ड के सदस्य संदीप पारीख ने वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी ओडीए को दी है और बोर्ड मीटिंग में इस खर्च के वित्तीय अनुमोदन के खिलाफ विरोध किया है।
इस मामले में अब आगे और कई महत्वपूर्ण खुलासे होने की सम्भावना जताई जा रही है, जब वित्तीय अनियमितताओं के मामले में सच्चाई की जांच की जाएगी।