सतीश जोशी
इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार, कलम के धनी और जिनकी खोजी पत्रकारिता से प्रशासन तंत्र और सरकार में भूचाल आ जाता था ऐसे वरिष्ठ पत्रकार प्रताप चांद नहीं रहे । वर्षों तक वही यूएनआई ब्यूरो चीफ के रूप में इंदौर में कार्यरत रहे। दिल्ली और चंडीगढ़ में यू एनआई में काम करते हुए नईदुनिया के प्रबंध संपादक नरेन्द्र तिवारी के आग्रह पर इंदौर तबादला कराकर आए, तो फिर इंदौर के ही हो गए । इंदौर प्रेस क्लब की स्थापना में उनका योगदान रहा है ।इंदौर के पत्रकारों के लिए, पत्रकार कल्याण, अधिमान्यता और पत्रकारिता के लिए उनका योगदान हमेशा याद किया जाता रहेगा। विनम्रता मृदुभाषी मगर जनता के सवालों पर आक्रामक और अपनी बात को दबंगता से उठाने वाले ऐसे पत्रकार विरले ही होते हैं। प्रताप चाद का अपना एक जमाना था। उनकी खबरों से अखबार भरे पड़े थे। पत्रकार वार्ता में वे एक सवाल पूछते थे पर उत्तर देने के लिए मंत्रियों और मुख्यमंत्री तथा देश के वरिष्ठ नेताओं को भी बड़ी देर तक उसका जवाब देना पड़ता था । अध्ययन और सुचिता की पत्रकारिता में उनकी कोई सानी नहीं है। इंदौर की पत्रकारिता में वे एक मील का पत्थर थे , वह हमेशा याद किए जाते रहेंगे। अलविदा ! प्रताप चांद साहब।