Pradosh Vrat / Masik Shivratri 2021: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का विशेष महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दौरान साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पुरे विधि- विधान से पूजा करते है और यह व्रत बहुत ही सर्वोत्तम माना गया है।
वहीं दिसंबर माह का पहला प्रदोष व्रत 2 दिसंबर 2021 यानि आज है। प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं। मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति मासिक शिवरात्रि का व्रत विधि-विधान से रखता है उसे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और संतान प्राप्ति, रोगों से मुक्ति के लिए भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। भक्त सभी प्रकार के रोगों से मुक्त होता है। चलिए जानते है प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
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प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
मार्गशीर्ष, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ – 11:35 पी एम, दिसम्बर 01
समाप्त – 08:26 पी एम, दिसम्बर 02
प्रदोष व्रत पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। वहीं स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ कपड़े पहन लें। फिर घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें और अगर संभव है तो व्रत करें। इसके बाद भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें। फिर भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें। वहीं इस दौरान इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। यह तो सभी जानते है कि किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। फिर भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। इसके बाद भगवान शिव की आरती करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।