Prabowo Oath Ceremony : इंडोनेशिया के राष्ट्रपति पद की शपथ रविवार को प्रबोवो सुबियांतो ने ली, जिससे वह दुनिया के तीसरे सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता बन गए हैं। यह समारोह उनके राजनीतिक सफर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
सैन्य पृष्ठभूमि और मानव अधिकारों के आरोप
प्रबोवो सुबियांतो, जो पहले इंडोनेशिया सेना के जनरल रह चुके हैं, पर सैन्य तानाशाही के दौरान मानव अधिकारों के हनन के आरोप भी लगे हैं। उनके नेतृत्व में इंडोनेशिया की सेना ने कई विवादास्पद कार्रवाई की हैं।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
प्रबोवो का जन्म 17 अक्टूबर 1951 को जकार्ता में हुआ था। वह एक शक्तिशाली परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता, सोमित्रों जोजहादिकुमो, एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और नेता थे, जबकि उनकी मां, मैरी सिरेगर, नीदरलैंड से सर्जिकल नर्सिंग की पढ़ाई के बाद लौट आई थीं। प्रबोवो के दादा, माग्रोनो, बैंक नेगारा इंडोनेशिया BAI के संस्थापक थे।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
1974 में इंडोनेशिया की सेना में शामिल होने के बाद, प्रबोवो ने तेजी से अपनी स्थिति को मजबूत किया और जनरल के पद तक पहुंचे। 2008 में, उन्होंने गेरिंड्रा पार्टी की स्थापना की और 2014 में इसके अध्यक्ष बने। हाल ही में, 25 अक्टूबर 2023 को, उन्होंने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया और फरवरी 2024 में चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रपति बने।
शपथ समारोह की सुरक्षा व्यवस्था
जकार्ता में शपथ समारोह के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। विदेशी मेहमानों और प्रबोवो की सुरक्षा के लिए राजधानी की सड़कों पर लगभग एक लाख पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। प्रबोवो के शपथ लेने के बाद उनके समर्थक जकार्ता की सड़कों पर जश्न मना रहे हैं, जो उनके राजनीतिक भविष्य के प्रति आशा व्यक्त करता है।