एक लाख से अधिक वाहनों का बोझ झेलने के लिए पिपलियाहाना ब्रिज तैयार

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 इंदौर : लंबे समय के बाद शहरवासियों को नए साल में एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। नई टेक्नालॉजी के आधार पर तैयार किया गया पिपलियाहाना ओवर ब्रिज का मुहूर्त निकल गया है। 6 जनवरी को शाम 4 बजे मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान 40 करोड़ रु की लागत से बनाये गए ब्रिज का लोकार्पण करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए IDA के अधिकारी फाइनल टच देने में जुटे हुए है। इस ब्रिज की खास बात यह है कि वाहन चालकों को जर्क कम लगेंगे। कोरोना काल के दौरान लगाए गए लॉकडाउन की वजह से 4 माह तक ब्रिज का निर्माण कार्य बंद पड़ा था।

बार बार आई रुकावट
पिपलियाहाना ब्रिज पूरी तरह से तैयार हो चुका है। वैसे ब्रिज काफी पहले तैयार हो जाता , लेकिन एक के बाद एक रुकावट आने लगी। बताया गया है कि नई टेक्नालॉजी के कारण हर काम मे थोड़ी देरी होने से काम धीमा चला। इसके बाद लगातार बारिश की वजह से काम रोकना पड़ा।

चार माह बंद रहा निर्माण
ब्रिज के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा कोरोना के कारण आई। पूरे देश मे लगाए गए लॉक डाउन की वजह से सारे विकास कार्यो को रोकना पड़ा। चार माह तक ब्रिज पर कोई निर्माण कार्य नही हो सका था। जा देश मे अनलॉक का सिलसिला शुरू हुआ तब आईडीए ने सरकार से निर्माण कार्य की अनुमति मांगी।

अनुमति मिलने के बाद भी नही शुरू हो सका कार्य
अनलॉक के चलते राज्य सरकार ने आईडीए को ब्रिज को पूरा करने के लिए निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति मिल गई , लेकिन आईडीए के लिए उस समय परेशानी सामने खड़ी हो गई जब कोरोना के डर से मजदूरों का पलायन शुरू हो गए। ब्रिज पर कार्य करने वाले मजदूर भी पलायन कर गए। आईडीए के अफसर मजदूरों को ढूंढते रहे। इस चक्कर मे अनुमति मिलने के बाद भी ब्रिज का निर्माण लंबे समय तक शुरू नही हो सका।

कम होगा वाहनों का दवाब
पिपलियहाना चौराहा शहर के व्यस्त चौराहों में से एक है। ब्रिज के निर्माण से पहले इस चौराहे से लगभग 1 .80 लाख वाहनों की आवाजाही बनी रहती थी। हेवी ट्रैफिक की वजह से चौराहे की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई थी। तीन इमली से पिपलियहाना होते हुए बंगाली चौराहे तक के ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए ब्रिज का निर्माण किया गया है। ब्रिज के बनने से वाहन चालकों को काफी राहत मिलेगी।

आइए ब्रिज पर एक नजर डाले —

● ब्रिज की लंबाई 750 मीटर
● चौड़ाई 24 मीटर
● 6 लेन
● ब्रिज को बनाने में 2 साल साल 2 महीने से ज्यादा का
● क्योंकि लॉकडाउन के कारण करीब 4 महीने ब्रिज का काम बंद रहा।
● ब्रिज की लागत करीब 40 करोड़ रु आई है।
● ब्रिज के निर्माण के दौरान कई नई टेक्नालॉजी का उपयोग किया गया।
● नई टेक्नालॉजी के कारण हर चार स्पान के बाद स्पांशन ज्वाइंट किये गए।
● हर 30 मीटर पर स्पान डाले गए। कुल 13 स्पान है
● ब्रिज को रोशन करने के लिए ब्रिज पर 55 बिजली के पोल लगाए गए है, जबकि ब्रिज के आसपास पर्याप्त लाइटिंग के लिए 50 पोल लगाए गए है।
● अटल जी के नाम हो सकता है पिपलियहाना ब्रिज, संभावना जताई गई है कि लोकार्पण के दौरान CM ब्रिज का नामकरण भी कर सकते है।
● ब्रिज का एक हिस्सा बंगाली चौराहे की तरफ है तो दूसरा हिस्सा तीन इमली चौराहे की तरफ जा रहा है।

=ब्रिज के लोकार्पण की तैयारियां अंतिम चरणों मे पहुंच गई है। ब्रिज के बनने से ट्रैफिक व्यवस्था मिलेगी। ब्रिज को पूरा करने के लिए कोरोना काल के दौरान भी निर्माण कार्य मे थोड़ी परेशानी हुई थी , कोरोना प्रोटोकाल का पूरा ध्यान रखते हुए बिना रुकावट के सावधानी के साथ निर्माण कार्य किया गया। शहर की जनता को नए साल में बड़ी सौगात दी जा रही है – विवेक श्रोत्रिय , सीईओ IDA