महिला थाना एवं वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से पिंक आर्मी सदस्य शकुंतला सिसोदिया ने दिलवाया पीड़िता को न्याय

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जैसा कि देखने में आ रहा है,सेफ़ सिटी के अंतर्गत पिंक आर्मी के सदस्य काफी सक्रियता से समाज में महिलाओं के सम्मान और आत्मरक्षा के लिये निजी स्तर पर प्रयत्न कर रहें हैं,और इसकी जागरूकता बढ़ाने के लिये इस अभियान में कई अशासकीय संस्थाओं को भी पिंक आर्मी के तहित सौपीं गयी है कुछ ज़िम्मेदारियाँ।

जिसमें अपने समाज में और इलाके में घरेलू हिँसा, छेड़खानी, प्रताणना,दुर्व्यवहार से पीड़ित महिलाओं को उनकी अधिकारों की पहचान करवाना तथा ज़रूरत पड़ने पर महिलाओं को पुलिस की मदद दिलवाना और काउन्सलिंग तक बेघर महिला को आश्रय दिलवाना। आम तौर पर देखा जाता है,व्यक्ति पुलिस और कोर्ट कचहरी से घबराता है,जिसकी वजह से वह हमेशा अपने अधिकारों से वंचित रहता है।

मेरा नाम शकुंतला सिसोदिया है,मैं पिंक आर्मी की एक सदस्य हूँ,मैंने एम कॉम की पढ़ाई की है और मैं पेशे से एक स्कूल टीचर हूँ,मुझे समाज सेवा करने की भावना लॉक डाउन के समय महसूस हुईं और मैं आपकी मुस्कान जन जागृति समिति से जुड़ गयी, लॉक डाउन में जब लोग राशन बाँट रहे थे, हमरी सँस्था आपकी मुस्कान जन जागृति सचिव शालिनी रमानी महिलओं को स्थायी रोज़गार देने का प्रयत्न कर रही थी,और अब सेफ़ सिटी अभियान के अंतर्गत भी हमारी सँस्था महिलाओं की जागरूकता के लिए कई प्रयास कर रही है,जिसके चलते हमारे पास लोग मदद की अपेक्षा से आ रहें हैं,देखने में आता है, पुलिस से कतरा कर इंसान आश्रय के लिए इधर उधर भागता है।

और जब कोई पुलिस की बात कहता है तो जवाब आता है,” राम बचाये पुलिस और कोर्ट कचहरी से”,मैंने भी पहली बार महिला थाने में पैर रखा और वहाँ जाने के बाद एहसास हुआ पुलिस मनुष्य की सच्ची मित्र है।

मैंने एक पीड़ित महिला को वन स्टॉप सेंटर में आश्रय दिलवाया और हम मिलकर पीड़िता के पति से बात करने का लगातार प्रयत्न कर रहे थे,पर वह सबको गंदी-गंदी गालियों से संबोधित कर रहा था,और चूंकि वन स्टॉप सेंटर अभी नया है,लोगों को इसकी जानकारी नहीं है तो मैं आप सभी को वन स्टॉप सेंटर और महिला थाने की कार्यप्रणाली बताना चाहूँगी।

वन स्टॉप सेंटर एक आश्रय घर है जहाँ ,घर से निकाली महिला पुलिस प्रोटेक्शन में सुरक्षित,3 से 5 दिन का आश्रय प्राप्त कर सकती है,यह आश्रय केंद्र महिला एवं बाल विकास के अंतर्गत आता है,यह आश्रय केंद्र 24 घंटे खुला रहता है,और यहाँ पीड़िताओं के लिए खाने पीने से लेकर कपड़ो तक सारी सुविधाएं है।

यहाँ पीड़ित महिला को काउन्सलिंग से लेकर हर प्रकार की मदद प्रदान करवाई जाती है।

लेकिन हमें यह जानना बहुत ज़रूरी है,घरेलू हिंसा कानून अपराध है और अपने न्याय की माँग महिला का मौलिक अधिकार है,मैं सभी महिलाओं को यह कहना चाहूंगी पुलिस से डरें नही पुलिस आपकी मदद के लिए दिन रात कार्य कर रही है,अगर आप पर कभी भी कोई विपदा आती है,तो आप तुरंत महिला थाने जाएं अपनी परेशानी बतायें,पुलिस आपको आश्रय देने से निःशुल्क वकीली कार्यवाही करने में सहयोग प्रदान करती है,और परिवार परामर्श द्वारा पति-पत्नी में हुए मद भेद को भी सुलझाने का भी प्रयत्न करती है।

मैं महिला थाने की थाना प्रभारी मेरी सखी ज्योति शर्मा जी का तहे दिल से धन्यवाद करती हूँ,जिनकी मदद से मुझे सही जानकारी मिली और पीड़िता को समझोता करवाते हुए सम्मान से जीने का अधिकार।