साहित्य जगत के लिए एक बहुत ही बुरी ख़बर सामने आई है. जाने-माने साहित्यकार, पद्मश्री से सम्मानित शम्सुर रहमान का निधन हो गया है. कवि, उर्दू आलोचक और विचारक के रूप में प्रख्यात रहमान ने 85 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. उनके जाने से साहित्य जगत शोक में डूब गया है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बीते दिनों रहमान का कोरोना टेस्ट भी कराया गया था और वे इस महामारी से संक्रमित पाए गए थे. इसके बाद डॉक्टर्स ने परिजनों से उन्हें घर ले जाने के लिए कहा था. इसके बाद आज एयर एंबुलेंस से बड़ी बेटी वर्जीनिया में प्रोफेसर मेहर अफशां और भतीजे महमूद गजाली दिल्ली से से शम्सुर को लेकर प्रयागराज पहुंचे. हालांकि उन्हें बचाया नहीं जा सका. प्रयागराज पहुंचने के एक घंटे के भीतर ही रहमान ने प्राण त्याग दिए.
रहमान का निधन शुक्रवार सुबह करीब 11:30 बजे हुआ. बता दें कि साहित्य की दुनिया में शम्सुर रहमान का जाना-माना नाम था. साहित्य में दिए योगदान के चलते वे पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से भी सम्मानित हो चुके थे. रहमान के निजी सहायक अमीन अख्तर ने जानकारी देते हुए बताया है कि, शम्सुर की शव यात्रा शाम 6:00 बजे अशोक नगर स्थित कब्रिस्तान के लिए रवाना होगी, जहां उन्हें सुपुर्दे खाक किया जाएगा. इस दौरान कोरोना नियमों का भी ध्यान रखा जाएगा.
बता दें कि प्रयागराज में 30 सितंबर 1935 को रहमान का जन्म हुआ था. इलाहाबाद विश्वविद्याल से अंग्रेजी में (एमए) की डिग्री उन्होंने हासिल की थी. पद्मश्री से पहले उन्हें साल 1986 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से भी सम्मानित किया जा चुका था. उनके जाने से साहित्य जगत को एक बड़ी क्षति हुई है.