इंदौर। आज का दिन सोलंकी परिवार के लिए किसी सौग़ात से कम नहीं था। उनकी 19 वर्षीय बिटिया जो एमए कर रही उसका एक आँख का आपरेशन हो गया। पट्टी खोलने के पश्चात उसे हाथ और उँगलियाँ हिलाते हुए दिखने लगी। सर्जन डॉ राजीव चौधरी ने बतलाया कि धीरे-धीरे इम्प्रूव्हमेंट होकर रोशनी बढ़ती जावेगी। बाहर से लैंस लगाने पर वह अधिक दूरी तक भी देख सकेगी।
अ भा श्वेताम्बर जैन महिला संघ केन्द्रीय इकाई द्वारा इंदौर के पाँच ब्लाइंड स्कूल के 300 बच्चों की जाँच करवाई गई थी। इसमें से दस दृष्टिहीन बच्चों का चयन किया गया जिसमें से एक बच्ची की सर्जरी की गई।
अध्यक्ष निशा संचेती एवं संस्थापक अध्यक्ष रेखा जैन ने बतलाया कि अगस्त माह में हमने हेलर केलर स्कूल, महेश दृष्टिहीन,नेशनल ब्लाइंड, अनुभूति विजन संस्था एवं परदेशीपुरा स्थित अंधशाला में परीक्षण कर 80 बच्चों को डिटेल जाँच के लिए हास्पिटल लेकर आये थे उसमें से 25 बच्चे ऐसे थे जो दो फ़ीट तक ही देख सकते थे, उन्हें उनके नाप से चश्मे बनाकर दीये जा रहे जिससे वो 12 फ़ीट तक देख सकेंगे।
10 बच्चे सर्जरी योग्य निकले। सबसे पहले उनके माता-पिता से बात कर उनकी सहमति ली गयी और उन्हें बतला दीया गया कि महिला संघ की ओर से सर्जरी नि: शुल्क की जावेगी। पीड़ित परिवारों ने सिर्फ़ सहर्ष सहमति ही नहीं दी बल्कि स्वयं पहल कर पूरी जानकारी ली। मार्गदर्शक वीरेन्द्र कुमार जैन ने कहा सफलता को देखते हुए अब इस अभियान को पूरे मालवा प्रांत के दृष्टिहीन बच्चों के लिए भी नि: शुल्क शुरू करेंगे।
सचिव वंदना जैन ने बतलाया कि इस शिविर में विशेष सहयोगी हैं सरोज कोठारी।