नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन की राहत के साथ देश में नए संकट के बादल छा रहे है। दरअसल, कई राज्यों में बर्ड फ़्लु फैलता नज़र आ रहा है, सबसे पहले राजस्थान फिर मध्यप्रदेश और अब हिमाचल से केरल तक बर्ड फ़्लु का खौफ दिखाई दे रहा है। 23 दिसंबर से 3 जनवरी तक मध्यप्रदेश में 376 कौओं की मौत हो चुकी है, जिसमे से सबसे ज़्यादा मौते इंदौर में हुई जिनकी संख्या है 142 हैं। साथ ही मन्दसौर में 100, अगर-मालवा में 112 खरगोन जिले में 13, सीहोर में 9 पक्षियों की मौते हुई है।
वहीं, पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह परेल ने एक न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए बताया कि, भोपाल स्तिथ डी. आई. लैब में कौओं के सैंपल भेजे गए है। सैम्पलों की टेस्टिंग में बर्ड फ़्लु की पुष्ठि हो चुकी है। इस पुष्ठि के बाद पशुपालन विभाग के अधिकारियो ने निर्देश दिए है कि, पोल्ट्री पक्षियों में फ्लू के कोई लक्षण नहीं दिखे लेकिन इन पक्षियों को फिर भी निगरानी में रखा जाये।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा की पॉन्ग डाम झील में मरे हज़ारो प्रवासी पक्षियों की मौत की वजह बर्ड फ़्लु ही पाई गई है और उनकी सभी पक्षियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बता दे कि, सभी पक्षियों के सैंपल भोपाल की लैब में भेजे गए थे जिनकी रिपोर्ट में HN51 (बर्ड फ्लू) की पुष्ठी हुई है, इसके बाद प्रशासन ने डैम के पास मांस व अंडे बेचने पर प्रतिबन्ध लगा दिया।
हरियाणा की बरवाला क्षेत्र में रहस्यमय तरीके से मुर्गियों की तेज़ी से हो रही मौत की वजह एवियन फ्लू कही जा रही है जिसका भय लोगो म नज़र आ रहा है। यहाँ एक लाख के करीब मुर्गियों और चूजों की मौत हो चुकी है। रहस्यमय तरीके से मुर्गियों की मौत का ये दौर 5 दिसम्बर से शुरू हुआ था। राज्य के पशुपालक विभाग ने मृत मुर्गियों के 80 से ज़्यादा सैंपल इकट्ठे कर के जालंधर की रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री में भेजे हैं।