22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा हो चुके है। अयोध्या नगरी काफी उत्साहित और आनंददित नज़र आ रही है। लोगों में मंदिर के लोकार्पण हेतु दिवाली सा माहौल है। सभी ने अपने घरों को फूलों व दीपों से सजाया हुआ है। 22 जनवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम मंदिर का लोकार्पण किया। इस दौरान देश के कई नामी नाम अयोध्या में राम मंदिर में मौजूद थे।
22 जनवरी के बाद रामभक्त प्रभु श्री राम की एक झलक देखने को बेसब्र है। जिसकी वजह से मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे है। इसी बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि सभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के साथ अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगे। बीजेपी शासित राज्यों में सबसे पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट के साथ 31 जनवरी को अयोध्या में रामलला के दर्शन करेंगे। इसके पश्चात उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी पूरी कैबिनेट के साथ 1 फरवरी को रामलला के दर्शन करेगें।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 1 फरवरी को रामलला के दर्शन करेगें। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के साथ 5 फरवरी को रामलला के दर्शन करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के साथ 9 फरवरी को रामलला के दर्शन करेंगे। राजस्थान की कैबिनेट 12 फरवरी को करेगी दर्शन। गोवा के मुख्यमंत्री कैबिनेट के साथ 15 फरवरी को पहुंचेंगे अयोध्या।
असम के मुख्यमंत्री 15 फरवरी और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पूरी कैबिनेट के साथ 24 फरवरी को रामलला के दर्शन करेंगे। इसी क्रम में सबसे आखिरी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी कैबिनेट के साथ 4 मार्च को अयोध्या में भगवान श्री राम के दर्शन करेंगे। 22 जनवरी के बाद से लगातार अयोध्या में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है। उसी बीच बीजेपी ने भी यह बड़ा फैसला लिया है। माना जा रहा है कि यह आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा और इसके साथ ही पुलिस प्रशासन के लिए व्यवस्था बनाना आसान होगा।