देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर 2024 से प्रारंभ हो चुका है। इस दस दिवसीय उत्सव के समापन के दिन, अनंत चतुर्दशी को भगवान गणेश को विदाई देने का समय आ गया है। इस वर्ष गणेश विसर्जन 17 सितंबर 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा।
गणेश विसर्जन का शुभ समय
गणेश विसर्जन के लिए विभिन्न शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं, जिन्हें वैदिक पंचांग के अनुसार निम्नलिखित समय पर किया जा सकता है:
- पहला मुहूर्त: सुबह 9:10 बजे से दोपहर 1:47 बजे तक
- दूसरा मुहूर्त: दोपहर 3:18 बजे से शाम 5:50 बजे तक
- तीसरा मुहूर्त: शाम 7:51 बजे से रात 9:19 बजे तक
- चौथा मुहूर्त: 18 सितंबर की रात 10:47 बजे से अगले दिन सुबह 03:12 बजे तक
इन समयों में से किसी भी शुभ मुहूर्त में गणेश की विधिवत विदाई की जा सकती है।
गणेश विसर्जन की पूजा विधि
गणेश विसर्जन की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है:
- पूजा की तैयारी: सबसे पहले एक थाली तैयार करें और उसमें स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं, फिर गंगा जल छिड़कें।
- मूर्ति की स्थापना: गणेश की मूर्ति को थाली पर स्थापित करें, नए पीले वस्त्र पहनाएं और कुंकू का तिलक लगाएं।
- पूजन सामग्री: पूजा के दौरान गणेश को लाल चंदन, लाल फूल, दूर्वा, मोदक, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि अर्पित करें।
- आरती और विसर्जन: परिवार के साथ गणेश की आरती करें और फिर भगवान से क्षमा मांगते हुए मूर्ति का विसर्जन करें।
इस विधि से गणेश विसर्जन करने के बाद, आप अगले वर्ष फिर से भगवान गणेश की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना कर सकते हैं।
गणेश पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में गणेश पूजा का विशेष महत्व है। यह मान्यता है कि गणेशोत्सव के दस दिनों में भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की खुशी-खुशी विदाई करना परंपरा है, क्योंकि इस दिन भगवान गणेश अपने घर लौट जाते हैं।