हिन्दू धर्म में रंगों का त्योहार होली पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। इस साल होलिका दहन 28 मार्च को मनाया जाएगा। वहीं 29 मार्च को धुलंडी का त्यौहार मनाया जाएगा। इस दिन लोग एकजुट होकर खुशियां मनाते हैं और एक दूसरे को प्यार के रंगों में डुबोकर अपनी खुशी जाहिर करते हैं। वहीं बात होलिका दहन की करें तो होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा आते-आते ये सारा ढेर सूख जाते हैं और जलने लायक हो जाते हैं।
होलिका दहन के दिन इसी ढेर में आग लगा दिया जाता है, जिसे होलिका दहन कहा जाता है। इसके बाद होलिका माई की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन कई लोग सरसों का उबटन पूरे शरीर पर लगाकर इसकी मैल को होलिका की अग्नि में डालते हैं। ऐसा करने से शरीर के सभी रोग और परेशानियां खत्म हो जाती है। आज हम आपको कुछ ऐसी चीज़ें बताने जा रहे हैं जिन्हे आप अग्नि में आहुति दे सकते हैं। इनसे आपके सभी रोग, दुःख और परेशानियां ख़त्म हो जाएगी।
होलिका दहन में डालें ये चीजें-
1. नारियल
2. फूल, माला
3. रोली, गुलाल
4.गुड़, कच्चा सूत
5. हल्दी, गेहूं की बालियां
6. उबटन आदि
होलिका दहन कैसे करें –
होलिका पूजा के बाद में पुनः जल अर्पित करें। वहीं मुहूर्त के अनुसार होलिका में स्वयं और परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य से अग्नि प्रज्जवलित कराए। इस अग्नि में किसी भी फसल को सेंक लें और अगले दिन उसे सपरिवार ग्रहण करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से परिवार पर कोई बुरा साया नहीं पड़ता एवं साथ ही सदस्यों को रोगों से मुक्ति भी मिलती है।
होलिका दहन से पूर्व करें ये काम –
- होलिका दहन के पहले परिवार के सभी सदस्यों को सरसों तेल और हल्दी मिलाकर, उसका उबटन पूरे शरीर पर लगाना चाहिए।
- उसके बाद इस पूरे उबटन को छुड़ा कर किसी कागज या कपड़े पर जमा कर लें।
- फिर इस पूरे उबटन को पूजन सामग्री के साथ ही, होलिका में अर्पित कर दें।
- इसके बाद होलिका की परिक्रमा सपरिवार अवश्य करें।
- दरअसल, ऐसा करने से व्यक्ति को उसके सभी प्रकार के रोग, कष्ट और दोष से मुक्ति मिलती है।