दिल्ली: बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद उन पर देश में अलग-अलग दर्ज की गई थी. नूपुर शर्मा ने इन सभी केसों को सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली ट्रांसफर करने की अपील की थी. उनकी अपील को मानते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस कांत बेंच ने लोगो शर्मा को बड़ी राहत देते हुए सभी केसों की सुनवाई दिल्ली में करने के आदेश दे दिए हैं. इसका मतलब यह है कि देश भर में नूपुर शर्मा के खिलाफ जितने भी केस दर्ज किए गए हैं वह सब दिल्ली में क्लब किए जाएंगे. सबसे पहला केस महाराष्ट्र में दर्ज हुआ था उसके बाद पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अदालत याचिकाकर्ता के जीवन और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे को संज्ञान में ले चुकी है. इसीलिए यह निर्देश दिया जा रहा है कि नूपुर शर्मा के खिलाफ सभी FIR को दिल्ली ट्रांसफर करते हुए पुलिस जांच के लिए जोड़ दिया जाए. कोर्ट ने बताया कि याचिकाकर्ता ने f.i.r. को रद्द करने की मांग की थी और विकल्प के रूप में एक जांच एजेंसी को स्थानांतरण करने की बात भी कही थी. प्राथमिकी रद्द करने के संबंध में वैकल्पिक उपाय हो सके इसके लिए 1 जुलाई 2022 को आदेश भी दिए गए थे. याचिकाकर्ता के जीवन और स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरे को देखते हुए इस पर विचार विमर्श किया गया.
इस मामले में पश्चिम बंगाल की ओर से पेश हुए वकील गुरु स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जो भी एजेंसी इन सभी मामलों की जांच करती है उसमें राज्य की पुलिस को शामिल किया जाए. इस पर कोर्ट ने कहा कि आई एफ एस को दिल्ली पुलिस के एक विशेष एजेंसी है अगर सभी FIR की जांच एक साथ कर ली जाती है तो यह सराहनीय होगा. कोर्ट ने कहा हम एजेंसी पर कोई भी आदेश नहीं ठोकना चाहते हैं जांच एजेंसी को अगर मदद चाहिए तो वह इसके लिए स्वतंत्र है. विशेष तथ्यों और परिस्थितियों में स्पष्ट करते हुए दिल्ली पुलिस की जांच को कोर्ट ने उचित भी बताया है. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि याचिकाकर्ता वर्तमान और भविष्य में की गई FIR को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से संपर्क कर अपने अधिकारों का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र है.