अब सर्दी-जुकाम को बिल्कुल ना करें नजरअंदाज, कहीं आप भी तो नहीं H3N2 फ्लू की चपेट में? ये वायरस ऐसे बना रहा है लोगों को बीमार

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मौसम में तेजी से बदलाव आने से मौसमी बीमारियों का अटैक बढ़ गया है। तमाम लोग वायरल इंफेक्शन की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। कई लोगों की कंडीशन इतनी खराब हो रही है कि उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ रहा है। खासतौर से बच्चे और ज्यादा उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों ने पिछले दिनों बताया था कि सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, गले में दर्द के बढ़ते मामलों की वजह इन्फ्लुएंजा A का सबटाइप H3N2 वायरस है।

इस वायरस की चपेट में आने से कई लोगों की कंडीशन गंभीर हो रही है. इन्फ्लुएंजा H3N2 को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी एडवाइजरी जारी की है। इस संक्रमण के इलाज और बचाव के तरीकों के बारे में जरूरी बातें डॉक्टर से जान लेते हैं।

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इनफ्लूएंजा का मतलब क्या?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस चार टाइप- A, B, C और D का होता है। इनमें A और B टाइप से मौसमी फ्लू फैलता है। हालांकि, इनमें इन्फ्लूएंजा A टाइप को महामारी का कारण माना जाता है। इन्फ्लूएंजा टाइप A के दो सबटाइप होते हैं. एक होता है H3N2 और दूसरा- H1N1. वहीं, इनफ्लूएंजा टाइप B के सबटाइप नहीं होते, लेकिन इसके लाइनेज हो सकते हैं। टाइप C को बेहद हल्का माना जाता है और खतरनाक नहीं होता। जबकि, टाइप D मवेशियों में फैलता है।

H3N2 फ्लू के लक्षण

– तेज बुखार

– तेज सिरदर्द

– शरीर में दर्द

– गले में दर्द

– तेज खांसी

– सर्दी-जुकाम

संक्रमित होने पर ऐसा करें

– ज्यादा से ज्यादा आराम करें.

– लगातार हाइड्रेटेडेट रहना है

– हेल्दी डाइट लें और फ्लूड लें

– ह्यूमिडिफायर इस्तेमाल करें

– ओवर द काउंटर मेडिसिन ले सकते हैं

क्या करें-क्या न करें?

क्या करें?

– मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें

– बार-बार अपनी आंखों और नाक को छूने से बचें.

– खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढंककर रखें.

– बुखार या बदनदर्द होने पर पैरासिटामोल लें.

क्या न करें?

– हाथ मिलाने और किसी भी तरह की गेदरिंग से बचें.

– सार्वजनिक जगहों पर थूकने से बचें.

– डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक या दवा न लें.

– आसपास या नजदीक बैठकर खाना न खाएं.