जी एस टी के अंतर्गत रजिस्टर्ड व्यवसायों द्वारा फाइल किए गए समस्त जीएसटी रिटर्न्स की सूक्ष्म जांच जीएसटी सिस्टम द्वारा ऑनलाइन की जा रही है एवं किसी भी प्रकार की विसंगति पाए जाने पर रिस्क पैरामीटर के आधार पर ऑनलाइन नोटिस पोर्टल पर जारी किए जा रहे हैं, जिनका 30 दिन की समय सीमा में वांछित जवाब दिया जाना आवश्यक है, जवाब नहीं देने की दशा में ऑडिट, निरीक्षण, जांच, जपती आदि की कार्रवाई विभाग द्वारा की जा सकती है एवं मांग के लिए नोटिस धारा 73 एवम धारा 74 में जारी किए जाएंगे। इन नोटिस को समझकर कैसे इसका जवाब देना एवम आगे की प्रक्रिया को समझने के लिए टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन एवं सीए शाखा के संयुक्त तत्वाधान में एक सेमिनार आयोजित किया गया ।
मुख्य वक्ता सीए सुनील जी. खंडेलवाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विभाग द्वारा जी एस टी एक्ट की धारा 61 के तहत व्यापारी द्वारा दाखिल किए गए रिटर्न की जांच करके उनमें किसी विसंगति पाए जाने पर ASMT10 में नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें मुख्य रूप से रिटर्न में गलत जानकारी देने, इनपुट टैक्स क्रेडिट के मिसमैच होने, GSTR 1, GSTR 3B, GSTR 2A, ISD क्रेडिट, TDS, TCS क्रेडिट में अंतर पाए जाने पर, रिवर्स चार्ज में देय कर एवम उसके लिए ली गई क्रेडिट में अंतर, eway बिल एवम e invoice का जीएसटी रिटर्न से अंतर, सप्लायर द्वारा समय पर रिटर्न फाइल नहीं करने, या सप्लायर का पूर्व दिनांक से रजिस्ट्रेशन कैंसिल होने की दशा में, नियम 42 एवं 43 में कम इनपुट टैक्स क्रेडिट रिवर्स करने आदि पर जारी किए जा रहे हैं। इसके लिए विभागीय निर्देश 02/2022 एवम 02/2023 मैं जारी किए गए हैं, जिसकी अनुपालना विभागीय अधिकारी एवं सभी रजिस्टर्ड व्यवसायों को करना अति आवश्यक है।
सी ए सुनील खंडेलवाल ने यह भी कहा कि ऐसे नोटिस ऑनलाइन जारी किए जा रहे है एवम इसका जवाब 30 दिन में दिया जाना अनिवार्य है। कई बार व्यापारी एवम कर सलाहकारों को पोर्टल पर जारी नोटिस की जानकारी समय निकल जाने के पश्चात होती है अतः समय समय पर पोर्टल पर इस संबंध में जांच करते रहना चाहिए ताकि समय पर इसका जवाब दिया जा सके। किसी कारण से समय सीमा में जवाब प्रस्तुत नही करने पर अधिकारी से अतिरिक्त समय लिया जा सकता है। उक्त नोटिस का जवाब देने पर यदि अधिकारी संतुष्ट होता है तो कार्यवाही समाप्त हो जाती है अन्यथा कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। देरी होने पर ब्याज एवम पेनल्टी के साथ कर दायित्व का भुगतान करना होगा।
टी पी ए अध्यक्ष सी ए जे पी सर्राफ ने कहा कि जीएसटी रिटर्न काफी सावधानी के साथ भरना चाहिए। किसी भी प्रकार की विसंगति होने पर तुरंत उसका सुधार आगामी जीएसटी रिटर्न में तय सीमा के अंतर्गत कर लेना चाहिए ताकि ऐसे नोटिस जारी ही नही हो। कार्यक्रम जा संचालन सीजीएसटी सचिव सी ए सुनील पी जैन ने किया। कार्यक्रम में गोविंद गोयल, अजय सामरिया, उमेश गोयल, यश खंडेलवाल एवम बड़ी संख्या में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कर सलाहकार उपस्थित थे। धन्यवाद प्रस्ताव एसजीएसटी सचिव सी ए कृष्ण गर्ग ने दिया।