पटना : सीएम नीतीश कुमार को रविवार को हुई NDA की बैठक में विधायक दल का नेता चुन लिया गया. सोमवार को भाई दूज के विशेष अवसर पर नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं. इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार भारत की राजनीति में एक नया इतिहास रच देंगे.
बता दें कि कल जब सीएम नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के मुखिया बनेंगे तो वे अपने नाम एक ख़ास रिकॉर्ड भी दर्ज कर लेंगे. वे न केवल बिहार बल्कि भारत के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन जाएंगे जो सातवीं बार सीएम पद की शपथ लेंगे. अब तक यह कारनामा देश के किसी भी मुख़्यमंत्री ने नहीं किया है.
20 साल में 6 बार बने सीएम…
नीतीश कुमार ने पहली बार बिहार के सीएम के रूप में 3 मार्च 2000 को शपथ ली थी. लेकिन बहुमत साबित न कर पाने के कारण उनकी कुर्सी चली गई थी. दूसरी बार नीतीश ने बिहार की कमान 24 नवंबर 2005 को संभाली थी. वहीं तीसरी बार वे बिहार के मुख़्यमंत्री 26 नवंबर 2010 को बने थे. इसके बाद बिहार की जनता ने उन्हें फिर से सीएम चुना और उन्होंने चौथी बार बिहार के सीएम के रूप में 22 फरवरी 2015 को मुख़्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की.
नीतीश कुमार को पांचवीं बार बिहार के मुखिया बनने का सौभाग्य लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन के दौरान मिला था. वे 20 नवंबर 2015 को 5वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. वहीं छठी बार जब वे सीएम बने तो आरजेडी उनके साथ नहीं थी. छठी बार वे एनडीए के गठबंधन में 27 जुलाई 2017 को मुख़्यमंत्री बने. जबकि 16 नवंबर 2020 को भी वे NDA के गठबंधन में ऐतिहासिक सातवीं बार मुख़्यमंत्री की कुर्सी संभालने जा रहे हैं. बता दें कि 243 विधानसभा सीटों वाले बिहार में NDA ने पूर्ण बहुमत प्राप्त करते हुई कुल 125 सीटें हासिल की है. बिहार में बहुमत के लिए 122 सीटों की आवश्यकता होती है. वहीं महागठबंधन को 110 सीटें मिली है.