नए साल पर नया तोहफ़ा, अब बिल भरने पर कंपनी भेजेगी धन्यवाद संदेश

Akanksha
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इंदौर। बिजली कंपनी नए वर्ष के मौके पर सुविधा प्रदान करते हुए अब बिल भरने वाले उपभोक्ताओं को अपनी तरफ से थैंक्यू मैसेज भेजेगी। इससे एक ओर जहां कंपनी राशि सेंट्रलाइज रूप से जमा होने की पुष्टि करेगी, वहीं मैसेज भेजकर उपभोक्ताओं को इसी तरह समय पर भुगतान कर सहयोग बनाए रखने का आह्वान भी करेगी। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि जैसे ही कंपनी के लेखा विभाग को भुगतान प्राप्त होगा, वैसे ही मप्रपक्षेविविकंलि के सर्वर से उपभोक्ता के मोबाइल पर थैंक्यू मैसेज जाएगा। तोमर ने बताया कि वर्तमान में कंपनी के करीब पैंतीस लाख उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर है। इनमें से जो भी उपभोक्ता भुगतान करेगा, उसके मोबाइल पर थैंक्यू मैसेज भेजा जाएगा। तोमर ने बताया कि बिजली कंपनी के आईटी सेक्शन द्वारा इस दिशा में प्रभावी तैयारी की जा रही है।

मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक का बड़वानी जिला दौरा, ठीकरी में खेत के किनारे जाकर ट्रांसफार्मर देखा

बिजली उपभोक्ताओं के साथ बेहतर संवाद रखा जाए, यदि कही से शिकायत प्राप्त होती है, तो संवेदनशीलता, तत्परता के साथ उसका समय पर समाधान किया जाए। लाइन लास घटाने के लिए भी सभी बिंदुओं पर कार्य कर परिणाम के लिए सघनता से प्रयास किए जाए।

ये निर्देश मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने दिए। बुधवार को बड़वानी जिल के दौरे पर आए तोमर सबसे पहले ठीकरी गए। वहां उन्होंने ट्रांसफार्मर के रखरखाव के लिए तैयार सर्वे प्लानिंग, एक्टिक्यूशन, क्रास वेरिफिकेशन (स्पेक) माड्य़ूल का क्रियान्वयन देखा। प्रबंध निदेशक तोमर ने स्पेक के एप पर ठीकरी के जिस ट्रांसफार्मर की जानकारी दर्ज की गई थी, उस ट्रांसफार्मर का खेत के पास जाकर भौतिक सत्यापन भी किया। यहां सभी जानकारी ठीक पाई गई, ट्रांसफार्मर का रखरखाव गुणवत्ता एवं बिजली आपूर्ति के हिसाब से अच्छा मिला।

तोमर ने बड़वानी शहर पहुंचकर बिजली इंजीनियरों की मिटिंग भी ली। वहां लाइन लास घटाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। अधीक्षण यंत्री संतोष पाटील ने बताया कि बड़वानी शहर के 9 फीडरों से 20 हजार 700 उपभोक्ताओं को बिजली वितरण होता है। 9 फीडरों की कन्जूमर इंडेक्सिंग की जा रही है। इसकी रिपोर्ट के हिसाब से लास घटाने, बिलिंग एफिशिएंसी बढ़ाने, प्रति यूनिट नकद राजस्व में वृद्धि के सतत प्रयास किए जा रहे है।