भारतीय नौसेना का इतिहास बहुत ही बहादुरी के हिस्सों से भरा पड़ा है। आज इस कोरोना महामारी और चीन के तनाव के बीच आज देश अपना नौसेना दिवस माना रहा है। हर साल 4 दिसंबर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हारने के बाद से हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। विश्व की 5वीं सबसे बड़ी नौसेना भारतीय नोसेना है। और जब भारतीय नोसेना ने 1971 युद्ध में पाकिस्तान को तहस-नहस कर दिया था। तब भारतीय नौसेना कारनामे मिसाल की मिसाल बने।
भारतीय नौसना का इतिहास 1612 से है। जब अपने जहाज रक्षा के लिए पहली बार ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसको स्थापित किया था। तब इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के मरीन के नाम से पहचाना जाता था। बाद मे जब भारत को आज़ादी मिली उसके बाद नौसेना का 1950 में पुर्नगठन किया गया।
पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत
साल 1971 में जब पाकिस्तान से युद्ध छिड़ गया था। तब भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान पर ऐतिहासिक विजय प्राप्त की थी। पाकिस्तान के खिलाफ हो रहे ऑपरेशन का नाम ट्राइडेंट रखा था। इस युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर भारतीय नौसेना ने हमला कर उसके कई पोतों को तबाह कर दिया था। इसी ऑपरेशन की सफलता के बाद हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। यह अभियान पाकिस्तान के नौसेना के मुख्यालय कराची पर निशाना साधते हुए शुरू हुआ था।
इस युद्ध में भारतीय नौसेना ने पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था। और इस हमले के दौरान पाकिस्तान के एक मिसाइल नाव और दो युद्ध-पोत पर निशाना साधा था। इस हमले में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ था। इस में पाकिस्तान के कई जहाज तबाह हो गए थे और ऑयल टैंकरों में आग लग गई थी।