नगर निगम की मार्केट बनाने की योजना को लगा झटका

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इंदौर। सरकारी काम कई बार किस तरह मजाक बन जाते हैं, इसका उदाहरण पुराने वल्लभ नगर मार्केट के रूप मेें सामने आया है। इस मार्केट को तोड़कर नगर निगम ने 11 मंजिला इमारत बनाने का प्रस्ताव बनाया है। हालांकि पड़ताल के दौरान पता चला है कि यह जमीन नजूल की है। मजे की बात यह है कि बरसों से दुकानों का किराया नगर निगम और राजस्व विभाग वसूल रहा था। अब पूरा मामला अधर में लटक गया है और निगम विधि विशेषज्ञों की शरण में है।

पुराने वल्लभ नगर मार्केट के 27 दुकानदार अब तक नगर निगम और राजस्व विभाग किराया को भाड़ा देते आ रहे थे। दरअसल, मार्केट के ग्राउंड फ्लोर पर बनीं दुकानों का आवंटन नगर निगम ने बरसों पहले दुकानदारों को किया था। बाद में निगम ने यहां किराया वसूली शुरू की। तल मंजिल पर वर्षों पुरानी दुकानें बनी हैं और ये दुकानें निगम मार्केट विभाग द्वारा आवंटित की गई थीं। बरसों बाद यह मार्केट जर्जर हो चुका है और निगम इसे तोड़कर 11 मंजिला इमारत बनाने का प्रस्ताव लाया है। वहीं इन 27 दुकानदारों को इस इमारत में एडजस्ट करने का प्लान बना था। प्रस्तावित 11 मंजिला इमारत कीे हर मंजिल पर पांच से छह फ्लैट बनाये जाने की भी तैयारी भी हो गई थी।

पड़ताल में सामने आई हकीकत

स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह ने पूरे प्रोजेक्ट के मामले में अधिकारियों से बात की थी और जब रिकॉर्ड खोले तो पता चला पुराने वल्लभ नगर मार्केट की जमीन नगर निगम की ना होकर नजूल विभाग की है। अब कलेक्टोरेट से इसका रिकॉर्ड मंगवाया जा रहा है। निगम की विधि एवं सामान्य प्रशासन समिति के प्रभारी नंदकिशोर पहाडिय़ा के मुताबिक यह मामला सामने आने के बाद विधि विशेषज्ञों से राय ली जा रही है।