उज्जैन में MSME विभाग ने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, ‘ऊर्जावान उद्यमिता’ पर विषय पर हुई चर्चा

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मध्यप्रदेश शासन के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग ने उज्जैन में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, उज्जैन 2024 के दौरान एक महत्वपूर्ण विषयगत सत्र की मेजबानी की, जो “ऊर्जावान उद्यमिता: एमएसएमई और स्टार्टअप” विषय पर केंद्रित था। इस सत्र ने विचारों के गतिशील आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और स्थायी आर्थिक उन्नति की दिशा में सहयोग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से एमएसएमई, स्टार्टअप, वित्तीय संस्थानों, नीति निर्माताओं और विचारकों सहित विभिन्न हितधारकों के बीच अभिसरण, संवाद और साझेदारी के लिए एक मंच प्रदान किया।

सत्र की शुरुआत मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और संचालक एमएसएमई, म.प्र. रोहित सिंह ने राज्य के प्रगतिरत एमएसएमई और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में व्यावहारिक संदर्भ प्रदान करते हुए की। उन्होंने एमएसएमई के विकास को सुविधाजनक एवं सुकर बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार की प्रगतिशील नीतियों और योजनाओं पर जोर दिया। उन्होंने एमएसएमई के लिए एक महत्वपूर्ण विषय ऋण तक पहुंच की चुनौती को संबोधित किया।

पी. नरहरि, सचिव-सह-आयुक्त, एमएसएमई विभाग, मध्यप्रदेश शासन ने सत्र का संचालन किया और “ऊर्जावान उद्यमिता: मध्यप्रदेश में एमएसएमई और स्टार्टअप” विषय पर एक व्यापक वैश्विक एवं क्षेत्रीय अवलोकन दिया। उन्होंने म.प्र. एमएसएमई विकास नीति 2021 और म.प्र. स्टार्टअप नीति 2022 पर प्रकाश डालते हुए, मध्यप्रदेश को भविष्य के लिए तैयार राज्य के रूप में स्थापित करते हुए, शासकीय योजनाओं और नीतियों के परिवर्तनकारी प्रभाव पर विस्तार से प्रकाश डाला।

डार्लिंग पंप्स के प्रबंध संचालक  संदीप नियोलकर ने बाजार में अपना अस्तित्व बनाने के लिए नवाचार, उत्पाद विविधीकरण और बिक्री पश्चात सेवा के महत्व पर जोर दिया, एमएसएमई से परिचालन रणनीतियों में नवाचार और विविधीकरण को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। मुस्कान ड्रीम्स के संस्थापक  अभिषेक दुबे ने सामाजिक उद्यमिता और सामाजिक समस्याओं के समाधान में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक किया और समाज में स्टार्टअप के व्यापक सामाजिक प्रभाव को रेखांकित किया। इसके अलावा उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे उनके अपने संगठन “मुस्कान ड्रीम्स” ने सामाजिक कार्यों के लिए फण्ड जुटाए हैं।

उनके द्वारा विभिन्न वृहद कॉरपोरेट्स से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के माध्यम से 20-25 करोड़ रुपये जुटाए गए और पांच अलग-अलग राज्यों में सरकारी स्कूलों में कम लागत वाली प्रौद्योगिकी प्रदान करने में उसका उपयोग किया गया।
आरएक्सआईएल (RXIL) के प्रबंध संचालक  केतन गायकवाड़ ने एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए TReDS प्लेटफार्म से होने वाले लाभ पर प्रकाश डाला, गैर-सहारा वित्तपोषण उपलब्ध कराने की इस प्लेटफार्म की क्षमता और RXIL TReDS प्लेटफॉर्म पर मध्यप्रदेश के उद्यमों की उपस्थिति से होने वाले लाभ पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के 500 से अधिक एमएसएमई RXIL प्लेटफॉर्म पर हैं।

क्रेडिट तक पहुंच पर चर्चा की श्रृंखला में सीजीटीएमएसई (CGTMSE) के सीईओ  संदीप वर्मा ने एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए क्रेडिट परिदृश्य को फिर से आकार देने में सीजीटीएमएसई की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया गया, बिना संपार्श्विक के रुपये 10 लाख तक के ऋण की पहुंच और कम प्रीमियम लागत की सुविधा पर प्रकाश डाला गया, जिससे उद्यमों के लिए वित्तीय समावेशन और संस्थागत समर्थन को बढ़ावा दिया गया। श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रबंध संचालक एवं सीईओ रवि सुब्रमण्यन ने राज्य में एमएसएमई को फण्ड उपलब्ध कराने में वित्त के स्थायी स्रोतों और एनबीएफसी की भूमिका के महत्व पर जोर देते हुए एमएसएमई और स्टार्टअप की बैंकेबिलिटी पर चर्चा की।

साथ ही, श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक मनोज जैन ने व्यापार योजनाओं में बीमा को शामिल करने की समर्थन करते हुए एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए वित्तीय और परिचालन जोखिमों को कम करने में बीमा उत्पादों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। अपने समापन भाषण में शशि भूषण सिंह, अतिरिक्त सचिव, मध्यप्रदेश शासन, एमएसएमई विभाग ने राज्य में एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रतिभागियों को उनके अमूल्य योगदान के लिए का आभार व्यक्त किया। उज्जैन में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, 2024 मध्यप्रदेश में उद्यमिता, नवाचार और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की सामूहिक प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में सार्थक सिद्ध हुआ।