मध्यप्रदेश में एक बार फिर मौसम बदलने लगा है। दो दिन की राहत के बाद बारिश-ओलों की संभावना फिर से प्रगाढ़ रूप ले रही है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से प्रदेश के उत्तरी-पूर्वी इलाकों में कहीं-कहीं हल्की बारिश और ओलावृष्टि का प्रभाव अधिक रहेगा। नए पश्चिमी विक्षोभ के चलते प्रदेशभर में 26 मार्च तक बारिश, ओलावृष्टि और तेज आंधी का दौर जारी रहने की संभावना भी बनी हुई है। इससे प्रदेश के कई जिलों में फिर ओले गिरेंगे।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार बीते 24 घंटों के बीच प्रदेश के जबलपुर और सागर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं तेज बरसात दर्ज की गई। अधिकतम टेंपरेचर में सभी संभागों के जिलों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। प्रदेश के सर्वाधिक टेंपरेचर 39 डिग्री तक पहुंच गया। अगले 24 घंटों के लिए मौसम विभाग की गणना के अनुसार चंबल संभाग के जिलों में तथा दतिया, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, पन्ना, सिवनी, कटनी जिलों में कहीं-कहीं वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। वहीं यलो अलर्ट के अनुसार चंबल संभागों के जिलों में तथा दतिया, ग्वालियर जिलों में कहीं-कहीं गरज के साथ वज्रपात हो सकता है।
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मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अलग-अलग स्थानों पर बने तीन मौसम प्रणाली के प्रभाव से वातावरण में नमी आने के कारण मध्यप्रदेश में विभिन्न जिलों में आंशिक बादल छाए हुए हैं। सागर, जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी की कंडीशन बन रही है। एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में एक्टिव है। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। झारखंड से तेलंगाना तक छत्तीसगढ़ से होते हुए एक ट्रफ लाइन गुजर रही है। इस मौसम तंत्र के कारण अरब सागर से नमी मिलने के कारण मेघ छा रहे हैं, साथ ही कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो रही है। रविवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, भोपाल, रीवा संभागों के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बरसात हो सकती है। इस बीच कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं। मौसम का इस तरह का मिजाज तीन-चार दिन तक बना रह सकता है।
इन दिनों मध्यप्रदेश के मौसम के बदलने के पीछे अलग-अलग प्रणालियां जिम्मेदार साबित हो रही हैं। अरब सागर से नमी मिल रही है। इस वजह से मध्यप्रदेश के ज्यादातर शहरों में आंशिक बादल बने हुए हैं। एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान के आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। पहले से एक्टिव एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ अब पूर्वी उत्तरप्रदेश से आगे बढ़ गया है। इसके साथ ही दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इन्हीं तंत्रों के कारण प्रदेश में बारिश हो रही है।
इन दिनों निरंतर हो रही बरसात और भारी ओलावृष्टि से मध्यप्रदेश के लगभग 25 जिलों के किसानों को काफी ज्यादा खामियाजा उठाना पड़ा है। रायसेन, सीहोर, ग्वालियर, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, अलीराजपुर, धार, खंडवा, खरगोन, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बैतूल, हरदा, सतना, सिंगरौली, सागर, छतरपुर आदि जिले शामिल हैं। अब कई जगहों में किसान अपनी गेहूं चना की अदरक की फसल को ही काट रहे हैं। उन्हें चिंता है कि कहीं यदि और वर्षा हुई तो यह फसल भी उनके हाथ से निकल सकती है।