भोपाल- प्रदेश कांग्रेस महामंत्री व मीडिया प्रभारी के.के.मिश्रा ने स्वाधीनता दिवस पर अपनी जान की परवाह किये बगैर कोरोना की पहली व दूसरी लहर में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले प्रदेश के 1.39 लाख पुलिसकर्मियों को “कर्मवीर पदक” से अलंकृत किये जाने को अनुकरणीय बताते हुए उन्हें शुभकामनाएं भी प्रेषित की है। मिश्रा ने कहा कि इस विषम महामारी की दोनों लहर में हमें यह भी स्मरण करना होगा कि इस दौर में बहादुरी के साथ अपने कर्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करने वाले 156 पुलिसकर्मियों/अधिकारियों ने अपनी जान भी गंवाई है,जिनमें से गृह मंत्रालय ने सिर्फ 6 को ही कोरोना यौद्धा माना है।
आज 17 माह बीत जाने के बाद भी 112 विचाराधीन हैं और 38 प्रकरण अस्वीकृत हो गए हैं,ऐसा क्यों? जब मृत्यु कोरोनकाल में अपनी कर्तव्य परायणता का निर्वहन करते हुए ही हुई हैं तो सरकारी अड़ंगेबाजी क्यों? शायद इसलिए कि सरकार के पास पैसा नहीं है? यदि ऐसा ही था तो बढ़चढ़ कर घोषणाएं क्यों की गई? आज कई परिवार अनुकम्पा नियुक्ति तक नहीं होने के कारण तंगहाली जीवन जीने को मजबूर हैं। मिश्रा ने गृहमंत्री और मुख्यमंत्री से आग्रह किया है। कि वे अपनी पूर्व घोषणाओं के अनुरूप दिवंगत यौद्धाओं के परिजनों को 50 लाख अनुग्रह राशि व अनुकम्पा नियुक्ति भी तत्काल दिलवाएं, इस बाबत यदि शासकीय नियमों को शिथिल भी करना हो तो करें ताकि भविष्य की संभावनाओं को दृष्टिगत रख इसतरह के यौद्धाओं को आघात न पंहुचे।